शरद पूर्णिमा आज, चंद्रमा 16 कलाओं से पूर्ण, आकाश से बरसेगा अमृत

शरद पूर्णिमा आज 15 अक्टूबर 2016 शनिवार को है. मान्‍यता है कि इस दिन आकाश से अमृत की वर्षा होती है. रात्री में जागरण करने से विशेष फल प्राप्‍त होता है. पंडित विष्‍णु मिश्र के अनुसार आज के दिन रवि योग है. यह योग गुरु और चंद्रमा की परस्‍पर पूर्ण दृष्टि होने से होता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2016 11:45 AM

शरद पूर्णिमा आज 15 अक्टूबर 2016 शनिवार को है. मान्‍यता है कि इस दिन आकाश से अमृत की वर्षा होती है. रात्री में जागरण करने से विशेष फल प्राप्‍त होता है. पंडित विष्‍णु मिश्र के अनुसार आज के दिन रवि योग है. यह योग गुरु और चंद्रमा की परस्‍पर पूर्ण दृष्टि होने से होता है. इसके साथ ही आज गजकेशरी योग भी हैद्व जो गुरू-चन्द्रमा के आमने-सामने होने से बना है. समसप्तक योग इस प्रकार तीन योगों का संयोग बना है. आज चंद्रमा अपने सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है और दसके दर्शन अत्‍यंत लाभकारी होते हैं. आज के ही दिन वृंदावन में श्रीकृष्‍ण भगवान ने महारास रचाया था. पं विष्‍णु मिश्र के अनुसार आज के दिन माता लक्ष्‍मी और भगवान कुबेर की पूजा से विशेष फल की प्राप्ति होती है. आज के दिन उपवास का भी विशेष महत्‍व है. खासकर स्त्रियों को आज के दिन उपवास रखकर सायंकाल में खीर का भोग माता लक्ष्‍मी को लगाना चाहिए.

आकाश से होती है अमृत वर्षा

पंडित विष्‍णु मिश्र के अनुसार आज के दिन आकाश से अमृत की वर्षा होती है. खीर बनाकर खुले आकाश में रखना चाहिए.रात में दो पहर के बाद इसे खाने से व्‍यक्ति दीर्घायू और रोगमुक्‍त होता है. इस बार रात्रि 12 बजे का योग है. रात्रि में खीर को खुले आकाश में रखें और रात 12 बजे के बाद उसे ग्रहण करें. खीर देवी-देवताओं का विशेष प्रिय भोजन भी है. आज जो योग बन रहा है एस योग में नये व्यापार की शुरूआत भूमि, भवन, वाहन खरीदना साथ ही सोना, चांदी या कोई भी धातु खरीदना अत्यंत शुभ रहेगा.

व्रत एवं पूजन

शरद पूर्णिमा के अवसर पर सुबह-सुबह उठकर स्‍नान कर देवी देवताओं का पूजन करें. इस दिन व्रत करके अपने इष्ट देव का पूजन करना अत्‍यंत शुभ फलदायी है. इस दिन विशेष रूप से इंद्र और महालक्ष्मी जी का पूजन करके घी के दीपक जलाकर, गंध पुष्प आदि से पूजन करना चाहिए. आज के दिन ब्राह्मणों को खीर का भोजन कराना चाहिए और उन्‍हें यथाचित दान-दक्षिणा देनी चाहिए. लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस व्रत को विशेष रूप से किया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन जागरण करने वाले की धन-संपत्ति में वृद्धि होती है. इस व्रत को मुख्य रूप से स्त्रियों द्वारा किया जाता है. एक गिलास में गेहूं भरकर उसके ऊपर रुपया रखा जाता है और गेहूं के 13 दाने हाथ में लेकर कथा सुनी जाती है.

Next Article

Exit mobile version