दीपोत्सव का दूसरा दिन : आज यम के नाम दीपक जलाइए, छोटी दीवाली मनाइए

नरक चतुर्दशी आज मनेगी, देवताओं का पूजन कर होगा दीपदान शनिवार को यम के नाम दीपक जलाइए, दुख संताप दूर भगाइए आैर सबके साथ प्रेम से छाेटी दिवाली मनाइए. घर के सभी हिस्सों में यम का दीया जलाना आज बेहद आवश्यक होता है. सुबह में पूजा करने के बाद यम को तर्पण कीजिए और शाम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2016 7:40 AM
नरक चतुर्दशी आज मनेगी, देवताओं का पूजन कर होगा दीपदान
शनिवार को यम के नाम दीपक जलाइए, दुख संताप दूर भगाइए आैर सबके साथ प्रेम से छाेटी दिवाली मनाइए. घर के सभी हिस्सों में यम का दीया जलाना आज बेहद आवश्यक होता है. सुबह में पूजा करने के बाद यम को तर्पण कीजिए और शाम में दीपों की पूजा करने के बाद उसे घर के हर हिस्से में रख आइए. ऐसा करने से मां लक्ष्मी आयेंगी और वो आपको धन-धान्य से परिपूर्ण करेंगी. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी जो नरक चतुर्दशी या रूप चतुर्दशी भी कहलाती है.
ज्योतिषियों के अनुसार सनत्कुमार संहिता कहती है कि इस दिन सूर्योदय से पूर्व प्रत्यूषकाल में स्नान करने से मनुष्य को यमलोक का दर्शन नहीं करना पड़ता है. स्नान करने के बाद शुद्ध वस्त्र पहनकर, तिलक लगाकर दक्षिणाभिमुख हो यम-तर्पण करने पर विशेष फल प्राप्त होते हैं. पं अमित माधव जी महाराज कहते हैं कि इससे वर्ष भर के पाप नष्ट हो जाते हैं. इस दिन देवताओं का पूजन करके दीपदान करना चाहिए.
कहां कहां जलाएं दीया?
मन्दिरों, गुप्त गृहों, रसोईघर, स्नानघर, देववृक्षों, सभाभवन, नदियों के किनारे, चहारदीवारी, बगीचे, बावली, गली-कूचे, गोशाला आदि प्रत्येक स्थान पर दीपक जलाना चाहिए. यमराज के उद्देश्य से त्रयोदशी से अमावस्या तक दीप जलानी चाहिए. नरक दोष से मुक्ति के लिए सायंकाल चौमुखी दीपक जलाकर मुख्य द्वार के सामने रखा जाता है. भगवान श्री कृष्ण ने इसी दिन नरकासुर को मारकर उसके भयंकर आतंक से समस्त लोकों को निजात दिलवाई थी. इसलिए यह दिन नरक चतुर्दशी के रूप में भी मनाया जाता है.
दीप जलाने का मंत्र
ॐ दत्तो दीपश्चतुर्दश्यां यमस्य प्रीतये मया। चतुवर्तिसमायुक्त: सर्वपापापनुत्तये।।

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