आत्मनिर्भर नहीं हैं आप
जीवन में संपूर्ण आत्मनिर्भरता जैसा कुछ नहीं होता. यदि आप सोचते हो कि मैं पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर हो जाऊं, तो ऐसा नहीं होगा. आप आश्रित ही पैदा हुए थे. आप अपने आप उठ भी नहीं सकते थे, और कोई और आपको उठाता था. कोई आपको नहलाता था. कोई खिलाता था. कोई सुलाता था. आप […]
जीवन में संपूर्ण आत्मनिर्भरता जैसा कुछ नहीं होता. यदि आप सोचते हो कि मैं पूर्ण रूप से आत्मनिर्भर हो जाऊं, तो ऐसा नहीं होगा. आप आश्रित ही पैदा हुए थे. आप अपने आप उठ भी नहीं सकते थे, और कोई और आपको उठाता था. कोई आपको नहलाता था. कोई खिलाता था. कोई सुलाता था. आप एक आश्रित ही पैदा हुए थे और अंत में भी आश्रित ही रहोगे. जब आपकी मृत्यु हो जाती है, तो आप अपने शरीर को अपने आप नहीं जला या दफना सकते. जब आप बीमार होते हो, तो किसी को आपका ध्यान रखना होता है.
आप अपने डाॅक्टर नहीं बन सकते. किसी हद तक आप नहीं कह सकते कि, ‘मैं पूरी तरह से आत्मनिर्भर हूं.’ आपको किसी ना किसी की सहायता लेनी ही पड़ती है. अच्छा, फिर यह भी धारणा है कि आप पैसे से आत्मनिर्भर बनते हो. हमें अपनी जरूरत पूरा करने के लिए कुछ पैसा चाहिए. पर मान लो, कोई भी आपके लिए कार्य करना न चाहे, तो आपका क्या होगा?
आपकी धारणा गलत है कि पैसा आपको आत्मनिर्भर बनाता है. पर, साथ ही आप अपने आपको आत्मनिर्भर मान सकते हो, आप अपने कार्यों के लिए स्वतंत्र हो, आप अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने के लिए मुक्त हो, यदि आप अच्छा महसूस करना चाहते हो, तो यह आपके अपने हाथ में हैं. यदि आप अच्छा महसूस नहीं करना चाहते, तो यह भी आपके अपने हाथ में हैं. आपका जीवन निर्भरता और आत्म-निर्भरता का संयोग है. यदि आप दयालु होना चाहते हो, तो आपको पूरी स्वतंत्रता है ऐसा बनने की.
यदि आप चाहते हो आपका शिष्टाचार अच्छा हो, आप मीठे बोल बोलो, तो यह पूर्ण रूप से आपके ऊपर निर्भर करता है. आप सोच सकते हो वित्तीय रूप से आप स्वतंत्र हो, परंतु मैं आपको बता देना चाहता हूं कि यदि आप अपने मित्रों, परिवारजनों या और भी किसी के अपमानजनक शब्द सहन कर लेते हो, तो आप स्वतंत्र हो. यदि आपको कोई दोष देता है और आपके लिए बुरा-भला कहता है, आप इसे किस तरह से लेते हो, यही निर्धारित करता है कि आप कितने स्वतंत्र हो. यदि आप वास्तव में मुक्त हो, तो कोई भी आपको किसी भी तरह से परेशान नहीं कर सकता.
– श्री श्री रविशंकर