आज है अधिक मास की पूर्णिमा : जानें आज के पंचांग में शुभ मुहूर्त और अशुभ समय

Adhik Maas Purnima 2020, Aaj Ka Panchang: आज 1 अक्टूबर दिन गुरुवार को अधिक मास की पूर्णिमा है. धार्मिक रूप से यह तिथि अपने आप में महत्वपूर्ण है. इस दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा, दान-पुण्य व पवित्र नदी में स्नान का विधान है. अधिक मास पूर्णिमा व्रत उद्यापन विधि जानकर आप इस व्रत का पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकतें हैं. अधिक मास पूर्णिमा का व्रत बिना उद्यापन विधि के पूर्ण नहीं हो सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 1, 2020 8:50 AM

Adhik Maas Purnima 2020, Aaj Ka Panchang: आज 1 अक्टूबर दिन गुरुवार को अधिक मास की पूर्णिमा है. धार्मिक रूप से यह तिथि अपने आप में महत्वपूर्ण है. इस दिन लक्ष्मी नारायण की पूजा, दान-पुण्य व पवित्र नदी में स्नान का विधान है. अधिक मास पूर्णिमा व्रत उद्यापन विधि जानकर आप इस व्रत का पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकतें हैं. अधिक मास पूर्णिमा का व्रत बिना उद्यापन विधि के पूर्ण नहीं हो सकता है. आज अधिक आश्विन शुक्लपक्ष पूर्णिमा रात 01 बजकर 26 मिनट के उपरांत प्रतिपदा जाएगी. आइये जानते हैं ज्योतिर्विद दैवज्ञ डॉ श्रीपति त्रिपाठी से आज 1 अक्टूबर के पंचांग में आज की तिथि का हर एक शुभ मुहूर्त व अशुभ समय…

01 अक्टूबर गुरुवार

अधिक आश्विन शुक्लपक्ष पूर्णिमा रात 01 बजकर 26 मिनट के उपरांत प्रतिपदा

श्री शुभ संवत -2077, शाके -1942, हिजरीसन -1441-42

सूर्योदय -06:06

सूर्यास्त -05:54

सूर्योदय कालीन नक्षत्र -उत्तराभाद्रपद उपरांत रेवती, वृद्धि -योग, भ -करण

सूर्योदय कालीन ग्रह विचार- सूर्य -कन्या, चंद्रमा- मीन, मंगल -मीन, बुध- तुला, गुरु- धनु, शुक्र- सिंह, शनि- धनु, राहु -वृष, केतु- वृश्चिक,

चौघड़िया

सुबह 06.01 से 7.30 बजे तक शुभ

सुबह 07.31 से 9.00 बजे तक रोग

सुबह 09.01 से 10.30 बजे तक उद्वेग

सुबह 10.31 से 12.00 बजे तक चर

दोपहर 12.01 से 1.30 बजे तक लाभ

दोपहर 01.31 से 03.00 बजे तक अमृत

दोपहर 03.01 से 04.30 बजे तक काल

शाम 04.31 से 06.00 बजे तक शुभ

उपाय

तंदूर की बनी रोटी कुत्तों को खिलायें

आराधनाः ऊं हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट कपिभ्यो नम: का 1 माला जाप करें।

नोट-

राहुकाल 13:30 से 15 बजे तक।

दिशाशूल-अग्नेय एवं दक्षिण

।।अथ राशि फलम्।।

दैवज्ञ डॉ श्रीपति त्रिपाठी

ज्योतिर्विद

संपर्क सूत्र न.-

9430669031

Rashifal posted by : Radheshyam kushwaha

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