Aaj Ka Panchang : आज होगी मां कात्यायनी की पूजा, जानें आज के पंचांग में शुभ मुहूर्त और अशुभ समय
Aaj Ka Panchang : आज आपका दिन मंगलमयी रहे, यही शुभकामनाएं है. 'प्रभातखबर' प्रस्तुत कर रही है खास आपके लिए आज के दिन के शुभ मुहूर्त. अगर आप आज वाहन खरीदने का मन बना रहे है या आज कोई नया व्यापार शुरू करने जा रहे हैं तो आज के शुभ मुहूर्त में ही कार्य करें ताकि आपके कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हो सकें. ज्योतिर्विद डॉ श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार इन मुहूर्तों का विशेष महत्व होता है.
Aaj Ka Panchang : आज आपका दिन मंगलमयी रहे, यही शुभकामनाएं है. ‘प्रभातखबर’ प्रस्तुत कर रही है खास आपके लिए आज के दिन के शुभ मुहूर्त. अगर आप आज वाहन खरीदने का मन बना रहे है या आज कोई नया व्यापार शुरू करने जा रहे हैं तो आज के शुभ मुहूर्त में ही कार्य करें ताकि आपके कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हो सकें. ज्योतिर्विद डॉ श्रीपति त्रिपाठी के अनुसार इन मुहूर्तों का विशेष महत्व होता है. मुहूर्त और चौघड़िए के आधार पर ‘प्रभात खबर’ आपके लिए प्रतिदिन के खास मुहूर्त की सौगात लेकर आई है. आज शुद्ध आश्विन शुक्ल पक्ष षष्टी दिन 01 बजकर 17 मिनट के उपरांत सप्तमी हो जाएगी. आइये जानते हैं ज्योतिर्विद दैवज्ञ डॉ श्रीपति त्रिपाठी से आज 22 अक्टूबर के पंचांग के जरिए आज की तिथि का हर एक शुभ मुहूर्त व अशुभ समय…
22 अक्टूबर गुरुवार
शुद्ध आश्विन शुक्ल पक्ष षष्टी दिन-01:17 उपरांत सप्तमी
श्री शुभ संवत 2077, शाके -1942, हिजरी सन- 1441-42
सूर्योदय -06:21
सूर्यास्त -05:39
सूर्योदय कालीन नक्षत्र – मूल उपरांत उत्तराषाढ़ा, अतिगंड योग, गर-कारण
सूर्योदय कालीन ग्रह विचार -सूर्य -तुला, चंद्रमा -धनु, मंगल- मीन, बुध- तुला, गुरु- धनु, शुक्र- सिंह, शनि- धनु, राहु- वृष, केतु- वृश्चिक,
चौघड़िया
सुबह 06.01 से 7.30 बजे तक शुभ
सुबह 07.31 से 9.00 बजे तक रोग
सुबह 09.01 से 10.30 बजे तक उद्वेग
सुबह 10.31 से 12.00 बजे तक चर
दोपहर 12.01 से 1.30 बजे तक लाभ
दोपहर 01.31 से 03.00 बजे तक अमृत
दोपहर 03.01 से 04.30 बजे तक काल
शाम 04.31 से 06.00 बजे तक शुभ
उपाय
तंदूर की बनी रोटी कुत्तों को खिलायें
आराधनाः ऊं हं हनुमते रूद्रात्मकाय हुं फट कपिभ्यो नम: का 1 माला जाप करें।
नोट-
राहुकाल 13:30 से 15 बजे तक।
दिशाशूल-अग्नेय एवं दक्षिण
।।अथ राशि फलम्।।
दैवज्ञ डॉ श्रीपति त्रिपाठी
ज्योतिर्विद
संपर्क सूत्र न.-
9430669031
News Posted by : Radheshyam kushwaha