Durga Ashtami 2024, Mahagauri Ki Aarti: नवरात्रि के दौरान दुर्गा अष्टमी का अत्यधिक महत्व होता है। इस दिन अष्टमी तिथि पर दुर्गा अष्टमी का व्रत किया जाता है. इस अवसर पर मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की आराधना की जाती है। मान्यता है कि मां महागौरी की पूजा और व्रत करने से वे अपने भक्तों के कष्टों को समाप्त करती हैं. मां महागौरी की पूजा में आरती और मंत्र का अत्यधिक महत्व है. यह मान्यता है कि मां महागौरी की आरती का श्रवण या पाठ करने से सभी दुख समाप्त हो जाते हैं. यहां मां महागौरी की आरती, ध्यान और मंत्र प्रस्तुत हैं…
Durga Ashtami 2024, Mahagauri Ki Aarti: दुर्गा अष्टमी के अवसर पर जरूर करें मां महागौरी की आरती
Shardiya Navratri Ashtami 2024: आज है दुर्गा अष्टमी, जानें महत्व, मुहूर्त और पूजा विधि
मां महागौरी की आरती
जय महागौरी जगत की माया।
जया उमा भवानी जय महामाया।
हरिद्वार कनखल के पासा।
महागौरी तेरा वहां निवासा।
चंद्रकली और ममता अम्बे।
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे।
भीमा देवी विमला माता।
कौशिकी देवी जग विख्याता।
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा।
सती ‘सत’ हवन कुंड में था जलाया।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया।।
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया।
तभी मां ने महागौरी नाम पाया।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया।
शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता।
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो।
मां महगौरी के जाप करने वाले मंत्र
महागौरी बीज मंत्र
श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
महागौरी प्रार्थना मंत्र
श्वेते वृषेसमारूढा श्वेताम्बरधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेव प्रमोददा॥
महागौरी स्तुति मंत्र
या देवी सर्वभूतेषु मां महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
अन्य मंत्र
ओम देवी महागौर्यै नमः।
माहेश्वरी वृष आरूढ़ कौमारी शिखिवाहना।
श्वेत रूप धरा देवी ईश्वरी वृष वाहना।।