नए साल का पहला गुरुवार आज, इस आरती से करें बृहस्पति देव को प्रसन्न
Guruwar Arti: नए साल 2025 की शुरूआत हो गई है. आज साल का पहला गुरुवार है. इस दिन एक विशेष प्रकार की आरती से बृहस्पति देव को प्रसन्न किया जा सकता है. यहां से देखें बृहस्पति देव की आरती
Guruwar Arti: सनातन धर्म में गुरुवार का दिन बृहस्पति देव के लिए समर्पित होता है. इस दिन देवगुरु बृहस्पति की पूजा का आयोजन किया जाता है। इसके अतिरिक्त, गुरुवार का व्रत भी रखा जाता है. आज वर्ष 2025 का पहला गुरुवार है, और इस दिन बृहस्पति देव की आरती का पाठ करने से पूरे वर्ष शुभ फल की प्राप्ति होती है. यहां जानें कि बृहस्पति देव की आरती कैसे करें.
।।बृहस्पति देव की आरती।।
जय बृहस्पति देवा, ऊँ जय बृहस्पति देवा ।
छिन छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा ॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी ।
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥
चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता ।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता ॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥
तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े ।
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्घार खड़े ॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥
दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी ।
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी ॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥
सकल मनोरथ दायक, सब संशय हारो ।
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी ॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे ।
जेठानन्द आनन्दकर, सो निश्चय पावे ॥
ऊँ जय बृहस्पति देवा, जय वृहस्पति देवा ॥
सब बोलो विष्णु भगवान की जय ।
बोलो वृहस्पतिदेव भगवान की जय ॥