Maa Kali Aarti Lyrics: काली चौदस के दिन करें मां काली की आरती

Kali Chaudas Puja 2024: काली चौदस कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन माता काली की विशेष पूजा की जाती है. आइए जानते हैं कि काली चौदस के अवसर पर मां काली की आरती कैसे की जाती है.

By Shaurya Punj | October 30, 2024 3:29 PM
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Kali Chaudas Puja 2024, Maa Kali Aarti Lyrics: दीपोत्सव का मुख्य त्योहार दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या तिथि कल यानी 31 अक्टूबर गुरुवार को परंपरागत तरीके से मनाया जाएगा. कार्तिक अमावस्या की रात को आयोजित की जाने वाली काली पूजा को बंगाल में श्यामा पूजा या महानिषि पूजा के नाम से भी जाना जाता है. यह माना जाता है कि इस दिन इस पूजा के माध्यम से भय का नाश, स्वास्थ्य की प्राप्ति, आत्मरक्षा और शत्रुओं पर नियंत्रण संभव होता है.

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काली चौदस आज

काली चौदस को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. इस वर्ष काली चौदस का पर्व आज 30 अक्टूबर 2024 को मनाया जा रहा है. यह दिन विशेष रूप से बंगाल में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. मां काली की पूजा का सर्वोत्तम समय रात्रि का होता है. पाप ग्रहों, विशेषकर राहु और केतु, तथा शनि की शांति के लिए मां काली की आराधना अत्यंत प्रभावी मानी जाती है.आइए, जानते हैं कि काली चौदस के दिन मां काली की पूजा करने की क्या मान्यता है.

मां काली की आरती

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली,
तेरे ही गुन गाए भारती, हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

तेरे भक्त जनो पार माता भये पड़ी है भारी |
दानव दल पार तोतो माड़ा करके सिंह सांवरी |
सोउ सौ सिंघों से बालशाली, है अष्ट भुजाओ वली,
दुशटन को तू ही ललकारती |
हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

माँ बेटी का है इस जग जग बाड़ा हाय निर्मल नाता |
पूत कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता |
सब पे करुणा दर्शन वालि, अमृत बरसाने वाली,
दुखीं के दुक्खदे निवर्तती |
हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

नहि मँगते धन धन दौलत ना चण्डी न सोना |
हम तो मांगे तेरे तेरे मन में एक छोटा सा कोना |
सब की बिगड़ी बान वाली, लाज बचाने वाली,
सतियो के सत को संवरती |
हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |


चरन शरण में खडे तुमहारी ले पूजा की थाली |
वरद हस् स सर प रख दो म सकत हरन वली |
माँ भार दो भक्ति रस प्याली, अष्ट भुजाओ वली,
भक्तो के करेज तू ही सरती |
हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली |
तेरे ही गुन गाए भारती, हे मैया, हम सब उतारे तेरी आरती |

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