Maa Shailputri Aarti: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की करें आरती…
Navratri 2024 Day 1 Maa Shailputri Arti: आज यानी 3 अक्टूबर से नौ दिनों का नवरात्रि महापर्व प्रारंभ हो चुका है. आज इस पर्व का पहला दिन है, जब मां शैलपुत्री की आराधना की जाती है. आइए, हम माता शैलपुत्री की पूजा की विधि, मंत्र और आरती के बारे में जानते हैं.
Navratri 2024 Day 1 Maa Shailputri Arti: आज नवरात्रि का पहला दिन है. नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मां दुर्गा का यह पहला रूप माता शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है, जो पर्वतराज हिमालय की पुत्री मानी जाती हैं. कहा जाता है कि पूर्वजन्म में इनका नाम सती था और ये प्रजापति दक्ष की पुत्री थीं. नवरात्रि के पहले दिन मां की पूजा को संपूर्ण विधि-विधान के साथ करना आवश्यक है. आइए, हम माता शैलपुत्री की पूजा की विधि, मंत्र और आरती के बारे में जानते हैं.
माता शैलपुत्री की पूजा विधि
नवरात्रि के पहले दिन कलश या घट की स्थापना करें. इसके पश्चात दुर्गा पूजा का संकल्प लें. फिर माता दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा करें. मां को अक्षत, सिंदूर, धूप, गंध, पुष्प आदि अर्पित करें. मां शैलपुत्री के मंत्रों का जाप करें. इसके बाद कपूर या गाय के घी से दीपक जलाएं. शंखनाद के साथ घंटी बजाएं और मां की आरती करें. अंत में मां को प्रसाद अर्पित करें और पूजा समाप्त होने के बाद सभी को प्रसाद वितरित करें.
माता शैलपुत्री के मंत्र
शिवरूपा वृष वहिनी हिमकन्या शुभंगिनी,
पद्म त्रिशूल हस्त धारिणी,
रत्नयुक्त कल्याण कारीनी..
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:
बीज मंत्र: ह्रीं शिवायै नम:.
वन्दे वांच्छित लाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम् .
वृषारूढ़ां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम् ॥
प्रथम दुर्गा त्वंहि भवसागर: तारणीम्.
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यम्॥
त्रिलोजननी त्वंहि परमानंद प्रदीयमान्.
सौभाग्यरोग्य दायनी शैलपुत्री प्रणमाभ्यहम्॥
चराचरेश्वरी त्वंहि महामोह: विनाशिन.
मुक्ति भुक्ति दायनीं शैलपुत्री प्रणमाम्यहम्॥
मां शैलपुत्री की आरती हिंदी में
शैलपुत्री मां बैल सवार, करें देवता जय जयकार.
शिव शंकर की प्रिय भवानी. तेरी महिमा किसी ने ना जानी.
पार्वती तू उमा कहलावे. जो तुझे सिमरे सो सुख पावे.
ऋद्धि सिद्धि परवान करे तू. दया करे धनवान करे तू.
सोमवार को शिव संग प्यारी. आरती जिसने तेरी उतारी.
उसकी सगरी आस जगा दो. सगरे दुख तकलीफ मिटा दो.
घी का सुंदर दीप जला के. गोला गरी का भोग लगा के.
श्रृद्धा भाव से मंत्र गाएं. प्रेम सहित शीश झुकाएं.
जय गिरिराज किशोरी. शिव मुख चंद चकोरी अंबे.
मनोकामना पूर्ण कर दो. भक्त सदा सुख संपत्ति भर दो.
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मां शैलपुत्री पूजा मंत्र
वन्दे वांक्षितलाभाय चंद्रार्धकृतशेखराम.
वृशारूढ़ां शूलधरां, शैलपुत्रीं यशस्विनी