Safala Ekadashi 2024 Arti: आज, 26 दिसंबर को सफला एकादशी का पर्व मनाया जा रहा है. यह पर्व हर वर्ष पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को आयोजित किया जाता है. मान्यता है कि एकादशी के दिन रात्रि जागरण करने से व्यक्ति को मृत्यु के बाद वैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त होता है. प्राचीन काल से ऋषि-मुनियों ने एकादशी का व्रत करके मोक्ष की प्राप्ति की है. इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा और उपासना की जाती है. पूजा के समापन पर आरती करने की परंपरा है. सनातन धर्म में पूजा का अंत आरती और शंखनाद के साथ होता है.
भगवान विष्णु की आरती
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे.
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का.
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥
ओम जय जगदीश हरे…॥
Saphala Ekadashi 2024 Vrat Katha: आज सफला एकादशी पर जरूर करें इस कथा का पाठ
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी.
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥
ओम जय जगदीश हरे…॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी.
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ओम जय जगदीश हरे…॥
Saphala Ekadashi 2024: आज है सफला एकादशी का व्रत, जानें इस दिन क्यों नहीं करते चावल का सेवन
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता.
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥
ओम जय जगदीश हरे…॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति.
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥
ओम जय जगदीश हरे…॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे.
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥
ओम जय जगदीश हरे…॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा.
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥
ओम जय जगदीश हरे…॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा.
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥
ओम जय जगदीश हरे…॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे.
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥
ओम जय जगदीश हरे…॥