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Achala Saptami 2021: कब है अचला सप्तमी व्रत, जानें तारीख, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, और सूर्य उपासना का महत्व

Achala Saptami 2021: हिंदू धर्म में अचला सप्तमी का विशेष महत्व है. सप्तमी तिथि भगवान सूर्य को समर्पित है. इस दिन भगवान सूर्य की पूजा विधि-विधान से की जाती है. अचला सप्तमी हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनायी जाती है. इसे सूर्य सप्तमी, रथ या आरोग्य सप्तमी के नामों से भी जाना जाता है. अगर यह सप्तमी तिथि रविवार के दिन पड़ती है तो इसे अचला भानू सप्तमी के नाम से जाना जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 1, 2021 1:27 PM

Achala Saptami 2021: हिंदू धर्म में अचला सप्तमी का विशेष महत्व है. सप्तमी तिथि भगवान सूर्य को समर्पित है. इस दिन भगवान सूर्य की पूजा विधि-विधान से की जाती है. अचला सप्तमी हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनायी जाती है. इसे सूर्य सप्तमी, रथ या आरोग्य सप्तमी के नामों से भी जाना जाता है. अगर यह सप्तमी तिथि रविवार के दिन पड़ती है तो इसे अचला भानू सप्तमी के नाम से जाना जाता है. इस बार यह तिथि 19 फरवरी दिन शुक्रवार को पड़ रही है. मान्यता है कि भगवान सूर्य ने रथ सप्तमी के दिन पूरी दुनिया को ज्ञान देना शुरू किया था. वहीं, इस दिन को सूर्य जयंती के रूप में भी जाना जाता है.

अचला या आरोग्य सप्तमी का शुभ मुहूर्त

  • सप्तमी तिथि प्रारम्भ: 18 फरवरी दिन गुरुवार की सुबह 8 बजकर 17 मिनट से

  • सप्तमी तिथि समाप्त- 19 फरवरी दिन शुक्रवार की सुबह 10 बजकर 58 मिनट तक

  • स्नान मूहूर्त: 19 फरवरी की सुबह 5 बजकर 14 मिनट से सुबह 6 बजकर 56 मिनट तक

  • अवधि: 01 घंटा 42 मिनट

  • रथ सप्तमी के दिन अरुणोदय: सुबह 6 बजकर 32 मिनट पर

  • रथ सप्तमी के दिन अवलोकनीय सूर्योदय: सुबह 6 बजकर 56 मिनट पर

सूर्य सप्तमी पूजा विधि

  • सूर्य सप्तमी के दिन जल्दी उठकर शुभ मुहूर्त में  किसी जलाशय, नदी, नहर में स्नान करना चाहिए.

  • स्नान के बाद उगते सूर्य को शुभ मुहूर्त में अर्घ्य दें. 

  • अर्घ्य देने के लिए जल में चावल, तिल, दूर्वा, चंदन आदि मिलाना चाहिए.

  • भगवान सूर्य की पूजा कपूर, धूप, लाल पुष्प आदि से करनी चाहिए.

  • इसके बाद आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए.

  • तत्पश्चात भगवान सूर्य के मंत्रों का जाप करना चाहिए.

  • “ऊँ घृणि सूर्याय नम:” 

  • “ऊँ सूर्याय नम:”

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अचला सप्तमी का महत्व

मान्यता है कि रथ सप्तमी का दिन अत्यधिक शुभ होता है. इसे दान-पुण्य करने के लिए सूर्य ग्रह के रूप में शुभ माना जाता है. इस दिन अगर व्यक्ति भगवान सूर्य की पूजा करता है और व्रत का पालन करता है तो उसे सभी प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिलता है. अरुणोदय के दौरान सूर्योदय से पहले स्नान करना एक स्वस्थ और सभी प्रकार की बीमारियों से व्यक्ति को मुक्त रखता है. इसलिए रथ सप्तमी को आरोग्य सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है. ऐसे में इस दिन स्नान करने का भी अधिक महत्व है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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