Sawan Purnima 2023: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने के आखिरी दिन पूर्णिमा होती है. धर्म ग्रंथों में पूर्णिमा को पर्व माना गया है. अभी सावन चल रहा है. सावन पूर्णिमा को श्रावणी पूर्णिमा भी कहा जाता है. इस दिन बहने भाई की कलाई पर राखी बंधकर रक्षाबंधन का त्योहार मनाती हैं. वैसे तो हर महीने में एक पूर्णिमा होती है. लेकिन इस साल सावन में दो पूर्णिमा तिथि पड़ेंगी. 18 जुलाई से अधिकमास शुरू हो गया है. 1 अगस्त दिन मंगलवार को पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि अधिकमास पूर्णिमा होगी. जिसके कारण इस दिन रक्षाबंधन का त्योहार नहीं मनाया जाएगा. लेकिन सावन में 2 बार पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा. आइए जानते हैं अयोध्या धाम के ज्योतिषाचार्य अम्बरीश मिश्र से सावन पूर्णिमा की डेट, पूजा मुहूर्त और रक्षाबंधन से जुड़ी पूरी डिटेल्स…
अधिकमास पूर्णिमा 01 अगस्त 2023 को है. अधिकमास पूर्णिमा बहुत खास है, क्योंकि यह पूर्णिम तीन साल बाद आती है. वहीं सावन महीने में अधिकमास पूर्णिमा का योग 19 साल बाद बन रहा है. पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान-दान और लक्ष्मी-नारायण, शिव जी और चंद्रदेव की पूजा का विधान है. इस दिन व्रत करने पर विशेष लाभ मिलता है.
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सावन अधिक मास पूर्णिमा तिथि आरंभ: 1 अगस्त, दिन मंगलवार, प्रात: 2 बजकर 47 मिनट
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सावन अधिक मास पूर्णिमा तिथि समापन: 2 अगस्त, दिन बुधवार, रात 12 बजकर 27 मिनट
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ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, सावन अधिक मास पूर्णिमा 1 अगस्त को पड़ेगी.
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स्नान-दान -सुबह 04.30 से सुबह 07.30 तक
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सत्यनारायण पूजा – सुबह 08.52 से दोपहर 15.15
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सत्यनारायण पूजा – शाम 3 बजकर 35 मिनट से 5 बजकर 15 मिनट तक कथा का शुभ मुहूर्त
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चंद्रोदय समय – शाम 06.56
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लक्ष्मी जी की पूजा शुभ मुहूर्त 01 अगस्त- सुबह 06.40 सुबह 08.52 तक
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सावन पूर्णिमा 30 अगस्त 2023 को है. सावन पूर्णिमा बहुत खास है, क्योंकि इसी दिन रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाता है. पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान-दान और लक्ष्मी-नारायण, शिव जी और चंद्रदेव की पूजा का विधान है.
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सावन पूर्णिमा तिथि आरंभ: 30 अगस्त 2023, दिन बुधवार, सुबह 10 बजकर 13 मिनट
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सावन पूर्णिमा तिथि समापन: 31 अगस्त, दिन गुरुवार, सुबह 07 बजकर 46 मिनट
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ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, सावन अधिक मास पूर्णिमा 31 अगस्त को पड़ेगी.
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स्नान-दान – सुबह 05.00 – सुबह 07.46 तक
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सत्यनारायण पूजा 30 अगस्त दिन बुधवार को शाम 4.00 से 6.00 बजे तक और 31 अगस्त को सुबह 04.39 से सुबह 06.55 मिनट तक स्नान-दान और कथा सुन सकते है.
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चंद्रोदय समय – शाम 06.19
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लक्ष्मी जी की पूजा 31 अगस्त दिन गुरुवार – सुबह 04.39 से सुबह 06.55 मिनट तक रहेगा. इस समय स्नान-दान के लिए यह समय शुभ रहेगा.
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पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें.
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नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
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अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें.
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सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें.
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पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है.
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इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना भी करें.
19 साल बाद सावन में अधिकमास आया है. ऐसे में श्रावण के महीने में 2 पूर्णिमा तिथि पड़ेंगी. सावन अधिकमास की पूर्णिमा 1 अगस्त 2023 दिन मंगलवार को है. अधिकमास पूर्णिमा विष्णु जी को समर्पित है. वहीं पूर्णिमा लक्ष्मी जी की अवतरण तिथि मानी जाती है. ऐसे में अधिकमास की पूर्णिमा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है. पूर्णिमा तिथि पर गंगा स्नान, पूजा और दान करने से साधक पर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की कृपा बरसती है. उनकी कृपा से साधक के जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं. इसके साथ ही घर में सुख और समृद्धि आती है.
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धर्म ग्रंथों के अनुसार पूर्णिमा पर चंद्र अपनी सभी 16 कलाओं के साथ दिखाई देता है. सावन महीने में पूर्णिमा पर महादेव के साथ लक्ष्मी नारायण की पूजा करने से पुण्य लाभ मिलता है और धन में वृद्धि होती है. इस दिन देवताओं को राखी बांधकर भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधा जाता है. किसी व्यक्ति की कुंडली में चंद्र दोष हो तो पूर्णिमा पर चंद्र देवता को अर्घ्य देने से साधक दोषमुक्त हो सकते हैं.
ज्योतिषाचार्य पंडित अम्बरीश मिश्र शास्त्री (अयोध्या धाम)
परामर्श संपर्क सूत्र: 8467924152