Ahoi Ashtami 2024 Ganesh Ji Ki Katha: आज अहोई अष्टमी पर जरूर पढ़ें गणेश जी की ये कथा

Ahoi Ashtami 2024 Ganesh Ji Ki Katha: आज अहोई अष्टमी मनाई जा रही है. इस दिन गणेश जी की विशेष कथा सुनी जाती है. आइए जानें इस विशेष कहानी के बारे में

By Shaurya Punj | October 24, 2024 3:32 PM

Ahoi Ashtami 2024 Ganesh Ji Ki Katha: अहोई अष्टमी का पर्व इस वर्ष 24 अक्टूबर 2024, गुरुवार को मनाया जाएगा. यह विशेष व्रत माताओं और उनकी संतान के बीच के संबंध को दर्शाता है. माताएं इस व्रत को अपने बच्चों की सुरक्षा और दीर्घायु के लिए पूरे दिन करती हैं, और शाम को सूर्यास्त के बाद तारों को अर्घ्य देकर इसे समाप्त करती हैं. अहोई अष्टमी के इस व्रत में अहोई माता की कथा के साथ गणेशजी की खीर वाली कथा का पाठ करना भी आवश्यक माना जाता है. आइए, हम गणेशजी की इस कथा को विस्तार से जानते हैं.

अहोई अष्टमी पर गणेश जी की कथा

एक दिन गणेश जी महाराज चुटकी में चावल और चम्मच में दूध लेकर घूम रहे थे और कह रहे थे कि कोई मेरी खीर बना दे. सभी ने सामान देखकर मना कर दिया. तभी एक वृद्धा बोली – आ बेटा, मैं तेरी खीर बना देती हूँ और वह एक कटोरी लेकर आई. गणेश जी ने कहा कि वृद्धा माई, कटोरी क्यों लाई, टोप लेकर आ. वृद्धा माई टोप लेकर आई और जैसे ही गणेश जी ने उसमें एक चम्मच दूध डाला, वह दूध से भर गई. गणेश जी महाराज ने कहा कि मैं बाहर जाकर आता हूँ, तब तक तुम खीर बना लेना. खीर तैयार हो गई.

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अब वृद्धा माई की बहू के मुंह में पानी आ गया. वह दरवाज़े के पीछे बैठकर खीर खाने लगी और खीर का एक छींटा ज़मीन पर गिर गया, जिससे गणेश जी का भोग लग गया. थोड़ी देर बाद वृद्धा गणेश जी को बुलाने गई. गणेश जी ने कहा – वृद्धा माई, मेरा तो भोग लग गया. जब तेरी बहू ने दरवाज़े के पीछे बैठकर खीर खाई, तो एक छींटा ज़मीन पर गिर गया था, इसलिए मेरा तो भोग लग गया.

बुढ़िया ने कहा- बेटा! अब मैं इसका क्या करूं. गणेश जी ने उत्तर दिया- सभी खीर को अच्छे से खा-पीकर सबको बाँट दो और जो बचे, उसे थाली में डालकर छत पर रख दो. शाम को गणेश महाराज आए और बुढ़िया से कहा कि मुझे मेरी खीर दो. जब बुढ़िया खीर लेने गई, तो उसने देखा कि थाली में हीरे और मोती बन गए हैं. गणेश जी महाराज ने बुढ़िया को जो धन-दौलत दी, वैसी ही सभी को दें.

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