20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Ahoi Ashtami 2024 Upay: अहोई अष्टमी पर जरूर करें ये उपाय, संतान को मिलेगी तरक्की

Ahoi Ashtami 2024 Upay: हर वर्ष महिलाएं अपने बच्चों की दीर्घायु और सुखमय जीवन के लिए अहोई अष्टमी का व्रत करती हैं. यह व्रत कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को आयोजित किया जाता है. आइए जानें इस दिन किन उपायों को करना चाहिए.

Ahoi Ashtami 2024 Upay: अहोई अष्टमी हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. हिंदू धर्म में इस व्रत का अत्यधिक महत्व है. यह व्रत संतान की लंबी उम्र, सुखी जीवन और मंगलकामनाओं के लिए किया जाता है. इस वर्ष अहोई अष्टमी पर शुक्ल योग, सर्वार्थ सिद्धि योग सहित कई महत्वपूर्ण योग बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है. अहोई अष्टमी के अवसर पर कुछ माताएं तारे और कुछ चंद्रमा को देखकर अर्घ्य अर्पित करती हैं और फिर पारण करती हैं.

Diwali 2024: धार्मिक के अलावा दिवाली का है सांस्कृतिक महत्व, यहां से जानें

अहोई अष्टमी का महत्व क्या है ?

हर माता की यही इच्छा होती है कि उनकी संतान सदैव सुखी और सफल रहे, इसलिए यह व्रत सभी महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है. जिस प्रकार करवा चौथ का व्रत चंद्रमा के दर्शन के बाद समाप्त होता है, उसी प्रकार अहोई अष्टमी पर तारे को अर्घ्य देने के बाद यह व्रत पूरा होता है.

कब मनाई जाती है अहोई अष्टमी ?

हिंदू पंचांग के अनुसार, अहोई अष्टमी कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन सभी महिलाएं अपनी संतानों की स्वास्थ्य और सफलता के लिए व्रत करती हैं. यह व्रत निर्जला होता है. इसके साथ ही, यह दिन मां अहोई को समर्पित होता है, जिनकी पूजा विधिपूर्वक की जाती है. मान्यता है कि इस निर्जला व्रत को रखकर महिलाएं संतान के लिए जो भी प्रार्थना करती हैं, मां अहोई उनकी सभी इच्छाओं को पूरा करती हैं.

अहोई अष्टमी का है संतान पक्ष के लिए विशेष महत्व


अहोई अष्टमी का यह उत्सव संतान के पक्ष में विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है. धार्मिक विश्वास के अनुसार, इस दिन विधिपूर्वक अहोई माता की पूजा करने से मां बनने की इच्छा पूरी होती है और सूनी गोद भी भर जाती है. इस दिन कुछ विशेष ज्योतिषीय उपाय किए जाते हैं, जिनसे शीघ्र संतान सुख की प्राप्ति संभव होती है.

सौभाग्य की प्राप्ति के लिए

इस दिन अहोई माता को श्रृंगार का सामान अर्पित करें ताकि आप सदा सुहागन बनी रहें. इसके पश्चात मां गौरी के मंत्रों का जाप करना न भूलें. इस प्रक्रिया से हर महिला को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

संतान सुख की प्राप्ति के लिए


यदि आप संतान सुख से वंचित हैं, तो इस दिन तुलसी का पौधा लगाएं और उसके समक्ष घी का दीपक जलाएं. इसके लिए तुलसी माता की 11 बार परिक्रमा करें. ऐसा करने से आपके सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है.

सफेद फूल अर्पित करें

अहोई अष्टमी के दिन पति-पत्नी मिलकर मां अहोई को सफेद फूल अर्पित करें और शाम को तारों को अर्घ्य देकर पूजा करें. मान्यता है कि इस प्रकार से अहोई माता प्रसन्न होती हैं और सुखी संतान का आशीर्वाद देती हैं.

पीपल के नीचे दीप जलाएं

अहोई अष्टमी के अवसर पर संध्या समय पीपल के वृक्ष के नीचे तेल के 5 दीपक जलाना चाहिए. इस प्रक्रिया के दौरान अपने मन में इच्छाएं व्यक्त करते हुए पीपल की परिक्रमा करें. इस उपाय से अहोई माता भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करने में प्रसन्न होती हैं.

दूध-भात का भोग अर्पित करें

इस दिन अहोई माता की पूजा के समय दूध-भात का भोग लगाकर लाल फूल अर्पित करना आवश्यक है. लाल फूल को हाथ में लेकर अपनी संतान के लिए शुभकामनाएं दें. पूजा समाप्त होने के बाद अपने हाथ से संतान को दूध-भात का भोग खिलाएं और उसी लाल फूल को उसे देकर सुरक्षित रखने के लिए कहें. इस उपाय से माता अहोई का आशीर्वाद हमेशा उस पर बना रहेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें