Akshaya Navami 2024: अक्षय नवमी के दिन जरूर करें इस आरती का पाठ, विष्णु जी की कृपा की होगी बारिश

Akshaya Navami 2024, Vishnu Chalisa Path: यदि आप अपने जीवन में व्याप्त दुख और कठिनाइयों से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो आज अक्षय नवमी के दिन विधिपूर्वक लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करें. पूजा के समय विष्णु चालीसा का पाठ करना और आरती करना न भूलें.

By Shaurya Punj | November 10, 2024 8:10 AM
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Akshaya Navami 2024, Vishnu Chalisa Path: आज अक्षय नवमी का पर्व है. यह उत्सव हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है. इसके साथ ही आंवला वृक्ष के नीचे भोजन तैयार कर भगवान को समर्पित किया जाता है, जिसके बाद उस भोजन का सेवन किया जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, अक्षय नवमी के दिन आंवला वृक्ष की पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है. यदि आप अपने जीवन में व्याप्त दुख और संकट से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो आज विधिपूर्वक लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करें. पूजा के दौरान विष्णु चालीसा का पाठ और आरती करना न भूलें.

Akshaya Navami 2024: आज मनाई जा रही है अक्षय नवमी, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

भगवान विष्णु की आरती

ओम जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे.
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥

जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का.
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥
ओम जय जगदीश हरे…

मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी.
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥
ओम जय जगदीश हरे…

तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी.
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥
ओम जय जगदीश हरे…

तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता.
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥
ओम जय जगदीश हरे…

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति.
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥
ओम जय जगदीश हरे…

दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे.
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥
ओम जय जगदीश हरे…

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा.
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥
ओम जय जगदीश हरे…

तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा.
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥
ओम जय जगदीश हरे…

जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे.
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥
ओम जय जगदीश हरे…

अक्षय नवमी को आंवला नवमी भी कहा जाता है

अक्षय नवमी को आंवला नवमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन की मान्यता के अनुसार, भक्त आंवले के पेड़ के नीचे भोजन तैयार करते हैं. इसके पश्चात, आंवले के पेड़ की आरती की जाती है और वहां एक दीप जलाया जाता है. पूजा के उपरांत प्रसाद का सेवन किया जाता है. चूंकि आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास माना जाता है, इसलिए इसकी पूजा भगवान विष्णु की पूजा के समान होती है. इस अवसर पर मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की आरती अवश्य करनी चाहिए. भक्तों की सुविधा के लिए यहां आरती का पाठ प्रस्तुत किया गया है, जिससे उन्हें पढ़ने में आसानी हो.

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