Anant Chaturdashi 2024: अनंत चतुर्दशी कल, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

Anant Chaturdashi 2024: अनंत चतुर्दशी का व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन रखा जाता है. इस शुभ दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ देवी यमुना और माता शेषनाग की पूजा भी की जाती है. इसी दिन गणेशजी का विसर्जन भी किया जाएगा.

By Shaurya Punj | September 16, 2024 11:35 AM

Anant Chaturdashi 2024: अनंत चतुर्दशी को अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है. इस त्योहार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन भी किया जाता है. आइए जानें कब मनाया जाएगा ये पर्व, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि

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अनंत चतुर्दशी कब है ?

गणेश चतुर्थी बाद इसके 10वें दिन यानि अनंत चतुर्दशी के दिन ही गणपति जी का विसर्जन होता है. इस साल अनंत चतुर्दशी का व्रत मंगलवार, यानी कल 17 सितंबर 2024 को रखा जाएगा.

अनंत चतुर्दशी शुभ मुहूर्त क्या है ?

इस साल चतुर्दशी का प्रारंभ 16 सितंबर को दोपहर 3:10 बजे पर हो रहा है जो 17 सितंबर की सुबह 11:44 बजे समाप्त होगी. यदि आप गणेश चतुर्थी पर मुहूर्त के हिसाब से पूजा करना चाहते हैं तो आप विष्णु पूजा सुबह के वक्त कर सकते हैं. इसका शुभ मुहूर्त सुबह 6:07 से 7:51 पर है.

अनंत चतुर्दशी पूजा विधि

स्नान और शुद्धता

पूजा की तैयारी से पहले अच्छी तरह से स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें. पूजा स्थल को भी साफ कर लें और वहां एक आसन बिछा लें.

एक छोटी चौकी या पूजा की जगह पर लाल या पीले वस्त्र बिछाएं.


भगवान गणेश की प्रतिमा या चित्र को इस जगह पर रखें.

पूजा के लिए आवश्यक सामग्री में फूल, अक्षत (साबुत चावल), दीपक, अगरबत्ती, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर), नैवेद्य (भोग), और पत्ते शामिल हैं.

पहले दीपक या अगरबत्ती जलाएं और भगवान गणेश के समक्ष अर्पित करें.


फिर, भगवान गणेश को पंचामृत से स्नान कराएं और उन्हें चंदन, फूल, अक्षत अर्पित करें.

भगवान गणेश की स्तुति करें और उन्हें श्रद्धा पूर्वक प्रार्थना करें.


इस दिन विशेष रूप से “अनंत चतुर्दशी” व्रत की पूजा विधि और संकल्प को ध्यानपूर्वक करें.

भगवान गणेश को नैवेद्य अर्पित करें जिसमें फल, मिठाई और अन्य प्रकार का भोग हो सकता है.

भगवान गणेश की आरती करें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें.

अंत में, गणेश जी की आरती करें और उनके समक्ष दीपक घुमाएं.

यदि गणेश प्रतिमा घर में है, तो उसे अनंत चतुर्दशी के दिन विसर्जित करने की तैयारी करें. प्रतिमा को जलाशय या नदी में विसर्जित करें.

पूजा के बाद, भगवान गणेश द्वारा दी गई प्रसाद को परिवार और मित्रों में बांटें

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