Apara Ekadashi 2020: इस साल अपरा एकादशी 18 मई को पड़ रही है. अपरा एकादशी अपार पुण्य फल प्रदान करने वाली तिथि है. इस दिन व्रत रखने से लोगों को अपार धन की प्राप्ति होती है. इस एकादशी व्रत रखने से धन की देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती है. इसलिए इस एकादशी को अपरा एकादशी कहते हैं. इस तिथि के दिन व्रत करने से लोगों द्वारा किये गए पापों से मुक्ति मिल जाती है. इस एकादशी के व्रत से आर्थिक परेशानियां भी दूर हो जाती है. शास्त्रों में बताया गया है कि झूठ, छल, ठगी ऐसे पाप हैं, जिनके कारण व्यक्ति को नर्क में जाना पड़ता है. इसलिए इस तिथि पर व्रत रखा जाता है, इस एकादशी के व्रत रखने से इन पापों के प्रभाव में कमी आती है और व्यक्ति नर्क में जाने से बच जाता है.
अपरा एकादशी व्रत रखने से एक दिन पहले दशमी के दिन शाम होन से पहले व्यक्ति को भोजन कर लेना चाहिए. शाम में सूर्यास्त होने के बाद भोजन नहीं करना चाहिए . रात्रि में भगवान का ध्यान करते हुए सोना चाहिए. एकादशी के दिन सुबह उठकर मन से सभी विकारों को निकाल कर स्नान करें, इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें. पूजा में तुलसी पत्ता, श्रीखंड चंदन, गंगाजल एवं मौसमी फलों का प्रसाद अर्पित करना चाहिए. व्रत रखने वाले को पूरे दिन परनिंदा, झूठ, छल-कपट से बचना होगा. जो लोग किसी कारण व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें एकादशी के दिन चावल का प्रयोग भोजन में नहीं करना चाहिए. अपने दाएं हाथ में जल लेकर अपनी मुश्किलों को खत्म करने की प्रार्थना भगवान विष्णु से करें. अपरा एकादशी के दिन किसी भी व्यक्ति को झूठ नहीं बोलना चाहिए. जो व्यक्ति एकादशी के दिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ करता है, उस पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है. पूरा दिन निराहार रहकर शाम के समय अपरा एकादशी की व्रत कथा सुनें और फलाहार करें. शाम के समय भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने एक गाय के घी का दीपक जलाएं.
अपरा एकादशी तिथि- 17 मई दोपहर 12:44 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त- 18 मई दोपहर 15:08 बजे
अपरा एकादशी पारणा मुहूर्त- 19 मई सुबह 05:27:52 से 08:11:49 बजे तक
अपरा एकादशी के दिन किसी भी व्यक्ति को देर तक नहीं सोना चाहिए. इस दिन घर में लहसुन प्याज और तामसिक भोजन बिल्कुल भी नहीं बनाना चाहिए. एकादशी के दिन स्नान कर साफ-सुथरे कपड़े पहनकर ही पूजा करना चाहिए. अपरा एकादशी का व्रत विधान करते समय परिवार में शांतिपूर्वक माहौल बनाए रखें. घर में इस दिन मिलजुल कर रहना चाहिए, किसी प्रकार की विवाद से बचना चाहिए.