Apara Ekadashi 2024: पापों से मुक्ति के लिए अपरा एकादशी पर इस कथा का करें पाठ

Apara Ekadashi 2024 puja muhurat significance importance: पंचांग अनुसार 2 जून 2024 को अपरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. जानते हैं अपरा एकादशी व्रत को रखने का सही तरीका.

By Shaurya Punj | May 31, 2024 11:02 AM

Apara Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में, प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष (घटते चंद्रमा) और शुक्ल पक्ष (बढ़ते चंद्रमा) में दो बार एकादशी का व्रत रखने का विधान है. इनमें से ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी के रूप में जाना जाता है. इस वर्ष यह 2 जून 2024 को पड़ रही है. इस पवित्र दिन पर भक्त भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं. मान्यता है कि विधिपूर्वक अपरा एकादशी व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है.

Apara Ekadashi 2024: तिथि एवं पूजा का समय

पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि का प्रारंभ 2 जून, 2024 को प्रातः 5:04 बजे होगा और इसका समापन 3 जून, 2024 को रात 2:21 बजे होगा. अतः अपरा एकादशी का व्रत 2 जून 2024 को ही रखा जाएगा. पूजा और व्रत के दौरान अपरा एकादशी व्रत कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए. ऐसा करने से पूजा का फल प्राप्त होता है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. अपरा एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन जल ग्रहण नहीं किया जाता. इस पवित्र दिन पर दही का सेवन वर्जित माना जाता है. दान-पुण्य करने से अपरा एकादशी व्रत के पुण्य फल में वृद्धि होती है.

Kitchen Vastu Tips: किचन में इन चीजों का गिरना माना जाता है अशुभ, आ सकती है गरीबी की नौबत 

Apara Ekadashi 2024: व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, महाराजा महीध्वज एक धर्मात्मा राजा थे. उनके छोटे भाई का स्वभाव क्रूर और अधर्मी था. ईर्ष्या के कारण छोटे भाई ने राजा महीध्वज की हत्या कर दी और शव को जंगल में पीपल के वृक्ष के नीचे गाड़ दिया. अकाल मृत्यु के कारण राजा महीध्वज की आत्मा प्रेत योनि में फंस गई और वे उसी पीपल के वृक्ष पर वास करने लगे. एक बार धौम्य ऋषि उसी मार्ग से गुजरे और उन्होंने प्रेत आत्मा का दर्शन किया. अपने दिव्य ज्ञान से ऋषि ने आत्मा की पीड़ा का कारण जाना. ऋषि ने राजा महीध्वज को परलोक गमन का मार्ग बताया और स्वयं उनकी मुक्ति के लिए अपरा एकादशी का व्रत रखा. इस व्रत के पुण्य प्रभाव से राजा महीध्वज को प्रेत योनि से मुक्ति मिली और वे स्वर्गलोक को प्राप्त हुए. यह माना जाता है कि अपरा एकादशी व्रत कथा का पाठ करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति प्राप्त होती है.

जन्मकुंडली से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

अपरा एकादशी 2024 की तिथि क्या है?

अपरा एकादशी 2 जून 2024 को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है.

अपरा एकादशी व्रत का समय क्या है?

एकादशी तिथि 2 जून 2024 को सुबह 5:04 बजे शुरू होगी और 3 जून 2024 को रात 2:21 बजे समाप्त होग.

अपरा एकादशी व्रत क्यों रखा जाता है?

अपरा एकादशी का व्रत रखने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है.

क्या अपरा एकादशी को निर्जला एकादशी के रूप में भी जाना जाता है?

हां, अपरा एकादशी को निर्जला एकादशी भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन जल ग्रहण नहीं किया जाता.

अपरा एकादशी की व्रत कथा क्या है?

व्रत कथा के अनुसार, राजा महीध्वज की आत्मा प्रेत योनि में फंसी हुई थी, जिसे धौम्य ऋषि ने अपरा एकादशी का व्रत रखकर मुक्त कराया.

Next Article

Exit mobile version