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Mangal Dosh: मंगल ग्रह हुए अस्त, अगले साल तक रहेगा प्रभाव, जानें ज्योतिषाचार्य से लक्षण-उपाय की प्रमुख बातें

Ast Mangal ka Ashubh lakshan: मंगल ग्रह कन्या राशि में गोचर करते हुए 24 सितंबर को शाम 5 बजकर 56 मिनट पर पश्चिम दिशा में अस्त हो गए हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह के अस्त होने से आतंरिक कलह, आतंकवाद और अराजकता में वृद्धि होगी.

By Radheshyam Kushwaha | September 25, 2023 3:23 PM

Ast Mangal ka Ashubh lakshan: ज्योतिष शास्त्र में मंगल ग्रह का विशेष महत्व होता है. मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को मंगल के आशीर्वाद के बिना जीवन में सफलता प्राप्त नहीं होती है. मंगल ग्रह कन्या राशि में गोचर करते हुए 24 सितंबर को शाम 5 बजकर 56 मिनट पर पश्चिम दिशा में अस्त हो गए हैं. मंगल ग्रह नए वर्ष 17 जनवरी 2024 को सुबह 04 बजकर 17 मिनट पर पूर्व में उदय होंगे. मंगल ग्रह के अस्त होने का पृथ्वी वासियों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह के अस्त होने से आतंरिक कलह, आतंकवाद और अराजकता में वृद्धि होगी. ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया कि अस्त अवस्था के दौरान ग्रह बेहद कमजोर और शक्तिहीन हो जाते है. मंगल के अस्त होने से व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और कुछ लोगों के जीवन में नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा.

Mangal Dosh Upay: मंगल ग्रह कितनी डिग्री पर अस्त होते हैं?

मंगल ग्रह की स्थित जब सूर्य की डिग्री से 17 डिग्री या उससे अधिक करीब आने लगता है, तो यह स्थिति सूर्य से मंगल की स्थिति अस्त होने लगती है. बुध ग्रह की स्थिति जब सूर्य से 13 डिग्री या उससे अधिक करीब आने लगता है तो यह स्थिति सूर्य से बुध की स्थिति अस्त होने लगती है.

Ast Mangal  Grah Dosh: अस्त ग्रह का क्या फल होता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी ग्रह के अस्त होने पर उसका प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है. अस्त ग्रह की सभी शक्तियां शून्य हो जाती हैं. इस समयकाल में ग्रह शुभ परिणाम देने में असमर्थ होता है. एक अस्त ग्रह की स्थिति बलहीन और अस्वस्थ राजा के समान होती है. यदि यह ग्रह किसी जातक की कुंडली में किसी मूल त्रिकोण या उच्च राशि में ही क्यों न हो, इसका प्रभाव शून्य हो जाता है.

Ast Mangal Dosh:  मंगल ग्रह खराब हो तो क्या करना चाहिए?

ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री के अनुसार, कुंडली में मंगल ग्रह खराब होने पर कई प्रकार की परेशानियां सामने आती रहती है. मंगल दोष से राहत पाने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए. इसके साथ ही मंगलवार के दिन लाल रंग के कपड़े पहनकर पूजा करें और हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं. मंगल ग्रह की शांति के लिए तीन मुखी रुद्राक्ष या फिर मूंगा रत्न ज्योतिषी की सलाह से धारण करें तो शुभ रहेगा.

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Ast Mangal Dosh:  मंगल खराब होने के क्या लक्षण है?

  • संपत्ति को लेकर विवाद उत्पन्न होना

  • व्यक्ति को रक्त से जुड़ी बीमारियां होना

  • किसी मुक़दमे में फंसना

  • आत्मविश्वास और साहस का अत्यधिक कमजोर पड़ना

  • हिंसक स्वभाव व्यक्ति पर हावी होना

  • कर्जे की स्थिति आ जाना

  • वैवाहिक जीवन में कड़वाहट आना

  • भाई से रहता है हमेशा विवाद

Ast Mangal Dosh:  मंगल ग्रह में सबसे बड़ी समस्या क्या है?

पृथ्वी की तुलना में सूर्य से बहुत दूर होने के बावजूद मंगल ग्रह की सतह पर खतरनाक मात्रा में विकिरण पहुंचता है. मंगल ने अपना आंतरिक डायनेमो खो दिया है, जिससे यह पृथ्वी की तुलना में कमजोर वैश्विक मैग्नेटोस्फीयर बन गया है. पतले वायुमंडल के साथ मिलकर यह महत्वपूर्ण मात्रा में आयनीकृत विकिरण को मंगल ग्रह की सतह तक पहुंचने की अनुमति देता है.

Ast Mangal Dosh:  मंगल दोष की पहचान कैसे करें?

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यदि मंगल दूसरे भाव में हो, तो मंगल दोष बनता है. यदि आपकी जन्म कुंडली में मंगल पहले, चौथे, सातवें, आठवें और बारहवें भाव में स्थित है, तो इसे मंगल दोष कहा जाता है. इसके साथ ही लग्न कुंडली, शुक्र कुंडली और चन्द्र राशि कुंडली की गणना जन्म कुंडली में मांगलिक दोष की पहचान करती है.

Ast Mangal Dosh:  मंगल सबसे खराब ग्रह क्यों है?

मंगल ग्रह के अंतरिक्ष यात्रियों के लिए विकिरण जोखिम शीर्ष स्वास्थ्य जोखिमों में से एक है, लेकिन लाल ग्रह कई अन्य खतरे भी पैदा करता है. मंगल ग्रह पर मानव स्वास्थ्य के लिए सबसे तात्कालिक खतरा ग्रह के वायुमंडल का कम दबाव है, जो पृथ्वी की तुलना में लगभग 100 गुना पतला है.

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Ast Mangal Dosh:  मंगल दोष कब खत्म हो जाता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति की कुंडली में स्थित मांगलिक योग हमेशा कष्टों का कारण नहीं बनता है. हालांकि कुछ ज्योतिष शास्त्रियों का मानना है कि मंगल दोष 28 वर्ष के बाद समाप्त हो जाता है. मांगलिक होने का मतलब मंगल ग्रह आपको परेशान नहीं करते है. क्योंकि मंगल ग्रह व्यक्ति के जीवन में शुभ फल भी देते है.

Ast Mangal Dosh:  क्या मंगल दोष विवाह में देरी करता है?

मांगलिक दोष की वजह से दांपत्य जीवन पर बुरा असर पड़ता है. इसकी वजह से विवाह में देरी और कई तरह की रुकावटें आती हैं. मंगल पीड़ित हो तो व्यक्ति बात-बात पर गुस्सा करता है. इसकी वजह व्यक्ति स्वभाव से क्रोधित हो जाता है.

Ast Mangal Dosh:  मंगल दोष का निवारण क्या है?

अगर आपके कुंडली में मंगल दोष है तो आप लाल मिर्च, गुड़, लाल रंग के कपड़े, शहद, लाल रंग की मिठाई, मसूर की दाल आदि चीजों का दान करें. लाल मिर्च का दान करने से मंगल दोष का प्रभाव समाप्त हो जाता है. मंगलवार के दिन स्नान-ध्यान करने के बाद लाल वस्त्र धारण कर विधि-विधान से हनुमान जी की पूजा-उपासना करें. इस समय हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करें.

Ast Mangal Dosh:  मंगल दोष की पूजा कहां होती है?

मंगल दोष से अगर आप परेशान हैं, तो कुछ ज्योतिषीय उपाय करने पर आपका यह दोष दूर हो सकता है. जिनकी कुंडली में मंगल भारी रहता है या कुंडली संबंधी कोई और दोष रहता है , तो मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने पर मंगल दोष से राहत मिलता है.

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Ast Mangal Dosh:  मंगल दोष कितने प्रकार के होते हैं?

व्यक्ति के जिस राशि में मंगल स्थित है, उससे भी मंगल की स्थिति तय होती है. इसके साथ ही मंगल किस ग्रहों के साथ विराजमान है और उस पर किन ग्रहों की दृष्टि है, इससे भी मंगल का शुभ और अशुभ होना तय होता है. मंगल दोष मुख्‍यत: तीन प्रकार का होता है- सौम्य मंगल, मध्यम मंगल और कड़क मंगल. इसी प्रकार निम्न मंगल और उच्च मंगल भी होता है.

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