AstroHelp : किसी भी व्यक्ति के भाग्य और कर्म में ग्रह-नक्षत्रों का विशेष योगदान होता है. ग्रहों की दशा सही न हो तो व्यक्ति को लाख कोशिशों के बावजूद सफलता हासिल नहीं होती है. ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से जीवन की हर परेशानी दूर की जा सकती है. ये उपाय करियर, नौकरी, व्यापार, पारिवारिक कलह सहित कई अन्य कार्यों में भी सफलता दिलाते हैं. नीचे दिए गए विभिन्न समस्याओं के निवारण के लिए आप एक बार ज्योतिषीय सलाह जरूर ले सकते है. यदि आपकी कोई ज्योतिषीय, आध्यात्मिक या गूढ़ जिज्ञासा हो, तो अपनी जन्म तिथि, जन्म समय व जन्म स्थान के साथ कम शब्दों में अपना प्रश्न radheshyam.kushwaha@prabhatkhabar.in या WhatsApp No- 8109683217 पर भेजें. सब्जेक्ट लाइन में ‘प्रभात खबर डिजीटल’ जरूर लिखें. चुनिंदा सवालों के जवाब प्रभात खबर डिजीटल के धर्म सेक्शन में प्रकाशित किये जाएंगे.
मकर लग्न का जन्म है. वृषभ राशि है. रोहणी नक्षत्र है. द्वीतीय चरण का जन्म है. लग्न में सूर्य और मंगल विराजमान है. विवाह का पूर्ण योग बन चुका है. लग्न में सूर्य और मंगल होने के कारण से आपके जान पहचान में ही विवाह का प्रबल योग बन रहा है. वर्तमान में राहु की महादशा चलते हुए प्रत्यअंतर महादशा शुक्र का चल रहा है. यह स्थिति 12 मार्च 2024 तक बनी रहेगी. अभी तक आपका समय उतार चढ़ाव वाला बना रहा, फिर भी आप अपने को मजबूती से बनाए रखें हुए है. आपके 35 साल के उम्र में जीवन में परिवर्तन होगा. सरकारी नौकरी का योग दिखाई दे रहा है. आपका पारिवारीक जीवन सुखमय रहेगा.
मीन लग्न का जन्म है. आपका राशि भी मीन है. मीन राशि का स्वामी गुरु है. नक्षत्र रेवती है. चरण चतुर्थ है. वर्तमान में चंद्रमा की महादशा चल रही है. यह 10 वर्ष तक रहता है. प्रति अंतर राहु की महादशा चल रही है. आपका विवाह का प्रबल योग है. प्रेम विवाह और परिवारीक दृष्टि पूर्ण योग बना हुआ है. आपका सरकारी नौकरी प्राप्त होने का योग बना हुआ है. अगर कोई बाधा है तो 2024 आपके लिए शुभ होने वाला रहेगा. आप बहुत दूरदृष्टिगामी है. आपका स्वभाव उदार और मैत्रीपूर्ण है. आपको मधुमेह रोग होने की प्रबल संभावना है.
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जब कुंडली में मंगल पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में होते हैं, तो मांगलिक दोष होता है. सातवां घर विवाह का घर होता है. ऐसे में जब मंगल इनमें से किसी भी भाव में होते हैं, तो इसका प्रभाव विवाह भाव पर पड़ता है, जिसके कारण विवाह में कई समस्याएं पैदा होती है.
पति से अपार प्रेम कब मिलता है? सोनिया देवी गया
शुक्र ग्रह स्त्री, पति-पत्नी, भोग-विलास और प्रेम संबंधों का कारक है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रेम पाने के लिए कुंडली में शुक्र की दशा अच्छी होनी चाहिए, क्योंकि प्रेम प्राप्ति में शुक्र, चंद्रमा और मंगल का अहम योगदान होता है. जब जन्म कुंडली में इन तीन ग्रहों की स्थिति बहुत अच्छी होती है तो दिल मिलना तय होता है. जब कुंडली में ऐसी स्थिति बनती है तो पति-पत्नी के बीच प्रबल प्रेम योग बनता है.
जब जातक की कुंडली में दशम स्थान के अंदर छठा भाव सरकारी नौकरी मिलने के लिए जिम्मेदार होता है. यदि दसवें स्थान में सूर्य, मंगल और बृहस्पति का योग बनता है तो इस योग के बनने से जातक की कुंडली में सरकारी नौकरी लगने के योग बनते हैं. मंगल ग्रह ऐसा ग्रह है की यदि जातक की कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति मजबूत होती है, तो वह बहुत जल्दी सरकारी नौकरी को प्राप्त कर लेता है. मंगल ग्रह की दशा अगर कमजोर होती है तो जातक सरकारी मेहनत के बाद भी सरकारी नौकरी पाने में विफल हो सकता है.
जब जातक की कुंडली के दसवें भाव में मकर राशि और मंगल ग्रह होते हैं, तब सरकारी नौकरी मिलने की संभावना बढ़ जाती है, इसके साथ अगर कुंडली में सूर्य और गुरु मित्र राशि में मौजूद हों तो जातक के लिए सरकारी नौकरी लगभग तय मानी जाती है. जब किसी जातक की कुंडली में मंगल ग्रह 1, 4, 7, 10वें भाव में हो या 5वें अथवा 9वें भाव में हो तो जातक के लिए सरकारी नौकरी लगभग तय मानी जाती है.
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व्यक्ति तनावग्रस्त हो जाता है और अनिद्रा की समस्या झेलनी पड़ती है. शरीर में अकड़न, कमजोरी, कामकाज ठप हो जाना सभी कमजोर राहु के संकेत हैं. वहीं कुंडली में केतु की स्थिति अशुभ होने पर व्यक्ति को अनिद्रा, आर्थिक तंगी और वाद-विवाद आदि का सामना करना पड़ता है.