रणवीर अल्लाहबादिया और समय रैना के भद्दे कमेंट से लोगों में फूट रहा गुस्सा, कैसे बनता है अपशब्द बोलने के योग, जानें कैसे ठीक करें ये आदत
Astrology for misbehaviour and dirty langauge: गाली-गलौज या अपशब्दों का उपयोग करना न केवल सामाजिक और व्यक्तिगत दृष्टिकोण से अनुचित माना जाता है, बल्कि ज्योतिष के अनुसार भी इसे नकारात्मक माना जाता है. जब कोई महिला बार-बार अपशब्दों का सहारा लेती है, तो उसकी छवि समाज में खराब हो जाती है. इससे उसका सम्मान घटता है और लोग उससे दूर रहने लगते हैं. ज्योतिष के अनुसार, हमारी वाणी और शब्दों का प्रभाव ग्रहों पर भी पड़ता है.
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Astrology for misbehaviour and dirty langauge: यूट्यूब के प्रसिद्ध कंटेंट क्रिएटर रणवीर अल्लाहबादिया हाल ही में समय रैना के कार्यक्रम ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ में अतिथि के रूप में शामिल हुए थे. इस शो के दौरान उन्होंने एक विवादास्पद प्रश्न पूछा, जिसके बाद वीडियो वायरल हो गया और उनकी तीखी आलोचना शुरू हो गई. स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि उनके खिलाफ शिकायत और एफआईआर भी दर्ज की गई. इसके परिणामस्वरूप, रणवीर अल्लाहबादिया ने एक्स पर एक वीडियो साझा करते हुए माफी मांगी और स्वीकार किया कि शो में भाग लेना एक गलत निर्णय था. गाली देना, अपशब्द या भद्दे कमेंट करना आपके ग्रह नक्षत्रों पर भी निर्भर करता है. यहां हम बताने जा रहे हैं कि अपशब्द बोलने का योग कैसे बनता है, साथ ही जानें ज्योतिष उपायों से इसे कैसे ठीक करें
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गाली देने को कुंडली में ग्रहों के प्रभाव से जोड़ा जा सकता है
गाली देना सामान्य व्यवहार नहीं माना जाता है. यदि आपके आसपास कोई व्यक्ति लगातार अपशब्दों का प्रयोग करता है, तो इसे उसके कुंडली में ग्रहों के प्रभाव से जोड़ा जा सकता है. ज्योतिष के अनुसार, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल और राहु ग्रह की युति होती है, तब अंगारक योग का निर्माण होता है, जो उस व्यक्ति में क्रोध और चिड़चिड़ापन उत्पन्न करता है. इसके परिणामस्वरूप, उसकी वाणी पर नियंत्रण समाप्त हो जाता है, जिससे वह गाली जैसे अपशब्दों का प्रयोग करने लगता है. ऐसे व्यक्ति बिना विचार किए कुछ भी बोलते हैं और किसी भी मुद्दे पर झगड़ा करने के लिए तत्पर रहते हैं. इस ग्रह दोष का प्रभाव केवल वाणी पर ही नहीं, बल्कि कुछ व्यक्तियों के शारीरिक स्वास्थ्य पर भी देखा जा सकता है.
कुंडली के दूसरे, तीसरे और आठवें भाव का वाणी से गहरा संबंध होता है. जब इन भावों में अशुभ ग्रह उपस्थित होते हैं, तो वाणी में विकृति आ जाती है. विशेष रूप से, राहु और मंगल का प्रभाव वाणी को सबसे अधिक दूषित करता है, जिसके कारण व्यक्ति बेतुकी बातें करने लगता है. शनि के प्रभाव से अपशब्दों का प्रयोग करने की आदत विकसित हो जाती है. इसी प्रकार, बुध के अशुभ प्रभाव से भी व्यक्ति अपशब्दों का प्रयोग करता है, हालांकि ऐसी स्थिति में वह हमेशा अपशब्द नहीं बोलता.
कैसे सुधारें अपशब्दों का प्रयोग करने की आदत?
- सुबह सूरज को अर्घ्य अर्पित करें.
- इसके पश्चात् गायत्री मंत्र का जप करें, बोलबोलकर.
- सुबह तुलसी के पत्ते अवश्य सेवन करें.
- अपने खानपान को सदैव शुद्ध रखें.
- भोजन में दूध से निर्मित वस्तुओं की मात्रा बढ़ाएं.
- सलाह लेकर एक लेब्राडोराइट पत्थर धारण करें.
- हरे रंग का उपयोग करना भी फायदेमंद रहेगा.