Astrology: मूंगा रत्न धारण करने पर भूमि विवाद और दाम्पत्य जीवन से दूर होता है क्लेश, जानें किन किन राशि के लोग कर सकते है मूंगा धारण
Astrology: ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कोई भी रत्न कुंडली के अनुसार धारण करना चाहिए. जन्मकुंडली में लग्न चक्र आपके जीवन में होने वाले सभी घटनाओं जानकारी प्रदान करवाता है.
Astrology: मूंगा रत्न बहुत ही प्रभावकारी रत्न है, जिसे जीवन में आने वाले सभी तरह के बाधा दूर होते है. यह समुन्द्र में पाए जानेवाला रत्न है. ज्योतिषशास्त्र में इसे मंगल ग्रह के रत्न बताया गया है. मंगल मेष राशि तथा वृश्चिक राशि के स्वामी होते है. इसलिए इन दोनों राशि के लिए अनुकुल होता है. लेकीन जन्मकुंडली में मंगल के मित्र राशि तथा सम राशि के लोग भी अगर मूंगा रत्न धारण करते है उनके लिए बहुत ही फायदेमंद होता है. किसी व्यक्ति के जन्मकुंडली में मंगल अनुकूल स्थिति में नहीं है या मंगल उच्य के होकर नीच के ग्रह में बैठे है उस स्थिति में मंगल का रत्न मूंगा धारण करने से व्यक्ति के जीवन में सफलता मिलने लगता है तथा निरंतर आगे बढ़ते है. दांपत्य जीवन में हो रही क्लेश, भूमि भवन में परेशानी हो रही है कोर्ट – कचहरी को लेकर परेशान है. इस अवस्था में मूंगा रत्न बहुत ही कारगर होता है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कुंडली में मंगल राहु या शनि के साथ विराजमान हो या कोई पाप ग्रह के साथ हो इस अवस्था में मूंगा धारण करने से सभी कष्ट दूर होते है. हृदय रोग के लिए बहुत ही प्रभावकारी मूंगा रत्न होता है.
रत्न राशि के अनुसार धारण करे या लगन के अनुसार
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार कोई भी रत्न कुंडली के अनुसार धारण करना चाहिए. जन्मकुंडली में लग्न चक्र आपके जीवन में होने वाले सभी घटनाओं जानकारी प्रदान करवाता है. वहीं कुंडली के राशि चक्र वयोक्ति के वर्तमान के बारे में प्रदर्शित करता है, इसलिए कभी भी रत्न धारण करनी हो लगन कुंडली के अनुसार धारण करने से बहुत ही लाभकारी होता है.
- मूंगा रत्न कौन धारण कर सकते है?
- मूंगा रत्न जन्मकुंडली के पहला भाव में मंगल हो मूंगा रत्न धारण करने से अत्यंत लाभकारी होता है.
- यदि कुंडली में मंगल चतुर्थ भाव में हो पत्नी के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है अतः ऐसे लोगों को मूंगा रत्न धारण करने से लाभकारी होता है.
- अगर मंगल चंद्रमा के साथ हो मूंगा रत्न धारण करने से आर्थिक स्थिति ठीक रहता है.
- अगर जन्मकुंडली में मंगल शुभ भाव के स्वामी होकर शत्रु ग्रहों के साथ हो उसे शक्तिशाली बनाने के लिए मूंगा रत्न धारण करना शुभ होता है .
- लगन के अनुसार मूंगा रत्न कौन कौन धारण कर सकता है .
मेष लग्न
मेष लगन में मंगल पहला तथा आठवा भाव के स्वामी होते है इस राशि के लोग को मूंगा धारण करना चाहिए, जिसे स्वास्थ्य ठीक रहता है मान -सम्मान खूब मिलेगा.
कर्क लग्न
कर्क लगन के व्यक्ति को मंगल चतुर्थ तथा दशम भाव के स्वामी होते है, इनके लिए बहुत उत्तम होता है. कर्क लगन के व्यक्ति को कारक ग्रह बनकर खूब लाभ देते है. ऐसे जातक मूंगा के साथ मोती धारण करने से मानसिक शांति तथा भूमि -भवन का लाभ होता है माता के स्वास्थ्य ठीक रहता है.
सिंह लग्न
सिंह लगन वाले व्यक्ति को मंगल चौथे भाव तथा नवम भाव के स्वामी होता है, इस राशि के लिए मंगल योग ग्रह होते है. इन्हे मूंगा रत्न धारण करने पर मानसिक शांति, गृह, भूमि धन का लाभ होता है साथ ही माता का सुख, यश, कृति से लाभ होता है .
वृच्छिक लगन
वृच्छिक लग्न वाले व्यक्ति को मंगल लगन भाव तथा छठा के स्वामी होते है. वृश्चिक लग्न वाले को मूंगा रत्न धारण करने से धन तथा स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होता है.
धनु लग्न
धनु लगन वाले को मंगल पंचम भाव त्रिकोण और द्वादश भाव का स्वामी होते है. धनु लगन में मंगल शुभ माना गया है धनु लगन वाले वयोक्ति को मूंगा रतन धारण करने से संतान सुख यश -कृति, मान -सम्मान, बुद्धि का वृद्धि होता है. मंगल की महादशा में मूंगा रत्न धारण करने से विशेष लाभकारी होता है.
मकर लगन
मकर राशि वाले को मंगल चतुर्थ भाव एकादश भाव के स्वामी होते है अगर चतुर्थ भाव में मंगल रहे तो जातक को मूंगा पहनना शुभ होता है.
मीन लगन
मीन लगन में मंगल दूसरे तथा नवम भाव के स्वामी होते है. अतः मंगल इस लगन के लिए शुभ ग्रह माना जाता है. इसलिए मंगल मीन लगन के लिए शुभ होता है. इस लगन के व्यक्ति को मूंगा धारण करने पर लाभ होता है. अगर कुंडली में मंगल कही पर स्थिति हो और उसकी दृष्टी सप्तम ,दशम या एकादश भाव पर हो मूंगा रत्न धारण करने से लाभदायक होता है.
कौन कौन से लगन वाले मूंगा रत्न धारण नहीं कर सकते है.
वृष, मिथुन, कन्या, तुला, कुंभ लग्न वाले अगर मूंगा रत्न धारण करते है इनके जीवन में परेशानी बढ़ जायेगी कई तरह से परेशान हो जायेंगे.
मूंगे का प्रयोग
मूंगा रतन को सोना ,तांबा या चांदी की अंगूठी में मूंगा बनवाए शुक्ल पक्ष में मगंलवार को सूयोदय के डेढ़ घंटा के बाद धारण करें. मगंलवार के दिन सूर्योदय के बाद स्नान करके मूंगा रत्न को छोटी कटोरी में रखे उसको गाय के दूध से धो लें, फिर गंगाजल से धो लें, रत्न को लाल सिंदूर, फूल, लगाए अपने कुलदेवता का ध्यान करें, फिर हनुमान चालीसा का पाठ करके मंगल के मंत्र का एक माला जाप करें. मूंगा रत्न दाहिने हाथ के अनामिका ऊंगली में धारण करें. मूंगे का वजन कम से काम 6 रति से काम नहीं होना चाहिए.
जन्मकुंडली, वास्तु, तथा व्रत त्यौहार से सम्बंधित किसी भी तरह से जानकारी प्राप्त करने हेतु दिए गए नंबर पर फोन करके जानकारी प्राप्त कर सकते है .
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847