अयोध्या में रामलला की हर रोज होती है पांच आरती, जानिए दर्शन से लेकर भोग चढ़ाने के क्या हैं नियम

अयोध्या में भगवान रामलला की आरती से लेकर उनके दर्शन और भोग चढ़ाने के लिए कई नियम हैं. कोई भक्त रामलला की आरती खुद के नाम से कराना चाहता है तो उसे ट्रस्ट और अधिकारियों को एक दिन पहले इसके बार में सूचित करना होगा. इसके बाद अगले दिन का समय भक्त को दिया जाएगा. दर्शन के लिए पहुंचे भक्त को बैरीकेडिंग तक सुरक्षाकर्मी ले जाएंगे. फिर उन्हें गेट खोलकर रामलला के दर्शन के लिए जाने दिया जाएगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2020 11:10 AM

अयोध्या में भगवान रामलला की आरती से लेकर उनके दर्शन और भोग चढ़ाने के लिए कई नियम हैं. कोई भक्त रामलला की आरती खुद के नाम से कराना चाहता है तो उसे ट्रस्ट और अधिकारियों को एक दिन पहले इसके बारे में सूचित करना होगा. इसके बाद अगले दिन का समय भक्त को दिया जाएगा. दर्शन के लिए पहुंचे भक्त को बैरीकेडिंग तक सुरक्षाकर्मी ले जाएंगे. फिर उन्हें गेट खोलकर रामलला के दर्शन के लिए जाने दिया जाएगा.

आरती के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं

सबसे खास बात यह है कि रामलला की आरती कोई भी भक्त अपने नाम से करा सकेगा. इसके साथ ही मनचाहा भोग चढ़ाने की सुविधा भी मिलेगी. इसके लिए रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्रे ट्रस्ट की तरफ से किसी तरह का शुल्क निर्धारित नहीं की गयी है. श्रद्धालुओं के दान या भोग प्रसाद को स्वीकार किया जाएगा. किसी को कितना और क्या चढ़ावा देना है? इसकी कोई बाध्यता नहीं होगी. उसी श्रद्धालु के नाम से आरती भी करा दी जाएगी.

हर दिन होती है रामलला की पांच आरती

आपको बता दें हर दिन रामलला की पांच आरती होती है. सुबह में मंगला आरती के साथ श्रृंगार आरती, दोपहर में भोग आरती, शाम में संध्या आरती और अंत में शयन आरती होती है. पांचों आरती में किसी भी आरती को भक्त अपने नाम से करा सकते हैं. खास बात यह है कि मंगला आरती बाहर ना होकर भीतर होती है. मंदिर की बैरिकेडिंग के पार जाने और मंदिर के सामने खड़े होने के लिए अधिकारियों और ट्रस्ट की अनुमति जरूरी है.

रामलला को चढ़ा सकते हैं मनचाहा भोग

पहले सुरक्षा कारणों को देखते हुए श्रद्धालुओं को पॉलिथीन पैक में मिश्री का प्रसाद चढ़ाने की अनुमति थी. अब भक्तों को अपनी इच्छा के अनुसार भोग प्रसाद चढ़ाने की अनुमति दी गयी है. मंदिर के पुजारी के मुताबिक ‘कोई भी भक्त आरती, भोग या कुछ भेंट भगवान को चढ़ा सकता है. इसके लिए ट्रस्ट और अधिकारियों को पहले से जानकारी देनी होगी. उसी हिसाब से समय दिया जाएगा. साथ ही रजिस्टर में सबकुछ नोट किया जाएगा.’

Posted : Abhishek.

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