Bandhan Yog: व्यक्ति अपनी चालाकी के कारण कभी -कभी ज्यादा फंस जाता है करता कुछ और है लेकिन होता कुछ और है कुछ काम तो ठीक करता है लेकिन कभी -कभी उसका परिणाम भी गलत होता है. कुछ लोग जानबूझकर गलत कार्य करने को जाते है उनको इस बात का मालूम होता है. इसका परिणाम गलत होगा उसका नतीजा कोर्ट कचहरी तक पहुंच जाता है. यहां तक की जेल यात्रा की संभावना बढ़ जाती है. आज जेलयात्रा को लेकर आपकी कुंडली में खास योग के बारे में बताएंगे, जेल यात्रा यानि कारागार होता है.यह सभी के मन में विचार बनता है.
यह जानना चाहते है मेरे ऊपर मुकदमा चल रहा है इस मुकदमे में मुझे जेल की नौबत तो नहीं आएगी मन में शंका बने रहता है ज्योतिष में जेल यात्रा को करावास या बंधन योग कहा जाता है.जेल यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण ग्रह शनि मंगल और राहु के कारण कारावास या जेलयात्रा का योग बनता है.जेल यात्रा का विचार आपके जन्मकुंडली के आठवे भाव से तथा बारहवे भाव से कारावास तथा सजा का विचार किया जाता है .जन्म कुंडली में राहु अगर आठवे भाव के स्वामी के साथ में हो इन दोनों ग्रह के अशुभ प्रभाव के कारण व्यक्ति को किसी बड़े अपराध में जेल जाना पड़ सकता है .
(1)सूर्य शनि मंगल तथा राहु और केतु जैसे पाप ग्रह के आलावा अगर आपके जन्मकुंडली में चंद्रमा कमजोर है बुध अशुभ है तब आपको जेल यात्रा का योग बन जाता है .
(2)जिनके कुंडली में छठे भाव में पाप ग्रह है तथा आठवें, बारहवें भाव में पाप ग्रह है ऐसे व्यक्ति को अपने जीवन काल में एक बार कारावास बनेगा.
(3)जन्मकुंडली में सूर्य और शनि एक साथ चौथे भाव में हो इनका दिर्ष्टि कोई भी अशुभ ग्रह पड़ पड़े आपके उपर मुकदमा होगा ,साथ ही जेल की यात्रा बनेगी.
(4)अगर किसी के जन्मकुंडली में मंगल और राहु एक साथ कुंडली के किसी भी भाव में बैठे है या मंगल का दिर्ष्टि राहु के साथ बन रहा हो तब अंगकारक योग बनता है.ऐसे में जब इन ग्रहों की दशा या अन्तर्दशा आने पर व्यक्ति बड़ा अपराधी बन जाता है.ऐसे में असमाजिक कार्य के कारण कारावास होगी.
(5) जन्मकुंडली में शनि अगर दुसरे भाव में है और बारह भाव में मंगल हो जेल यात्रा बनेगी.
(6)अगर अशुभ ग्रहों की महादशा या अन्तर्दशा चल रहा हो उस समय आपको जेल यात्रा की संभवाना बढ़ जाती है .
Bandhan Yog: उपाय
जिनके जन्मकुंडली में ऐसा योग बन गया है उनको अपने घर के एक कमरे में बंद होकर यानि बंधक बनकर रहे आपको यह दोष से मुक्ति मिलेगी.
अगर कोई चिड़िया पिंजड़े में बंद हो उसको आजाद कर दे या आजाद करवा से आपको यह दोष से मुक्त होंगे.
अपने कुल देवता का पूजन करे साथ ही अपने पितरों का पूजन करने से आपके ऊपर यह दोष बना हुआ है वह दूर होगा.
नित्य हनुमान चालीसा का पाठ करें.
नवग्रह की शांति करवाए तथा गोमेद रतन धारण करें .
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847