Basant Panchami 2021, Jharkhand News, जमशेदपुर न्यूज (कन्हैया सिंह) : सरस्वती पूजा को लेकर बाजार में चहल-पहल बढ़ गयी है. मां शारदे की विभिन्न आकार की मूर्तियों से बाजार पटा हुआ है. मां शारदे कहीं हंस पर सवार हैं तो कहीं वीणा-पुस्तक धारण की हुई हैं. किसी प्रतिमा में मां को प्रकृति से जोड़ते हुए पेड़-पौधों के बीच दिखाया गया है. जितनी कल्पना उतनी प्रतिमा. बाजार में मां की शृंगार सामग्री भी है. मां की प्लेन, रंगीन और प्रिंटेड चुनरी है. जो 20 से 1500 रुपये तक की कीमत में है. मोती व अन्य माला की लड़ी है. साथ ही सफेद व रंगीन चकरी भी मां को सजाने के लिए है. कई जगह मां की साड़ी भी मिल रही है.
हालांकि सरस्वती पूजा 16 फरवरी को है, लेकिन श्रद्धालु अभी से पूजन सामग्री खरीद रहे हैं. पूजन सामग्री में विद्या की देवी के लिए सबसे महत्वपूर्ण कलम-दवात की मांग अधिक है. वहीं मोली (कच्चे धागे), छोटी-छोटी बोतल में गंगाजल, मधु, गाय घी, अगरबत्ती, कर्पूर, जनेऊ, जौ, तिल, चावल, धान जैसी सामग्री मिल रही है.
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Also Read: Basant Panchami 2021 : सरस्वती पूजा को लेकर मां की प्रतिमाओं की बाजार में कितनी है डिमांड, पढ़िए कोरोना काल में मूर्तिकारों की क्या है पीड़ासोनाली चटर्जी कहती हैं कि बसंत पंचमी की तैयारी अभी से चल रही है. घर में बहुत ही श्रद्धाभाव से मां की पूजा होती है. मैं कलम-दवात सहित अन्य पूजन सामग्री की खरीदारी कर रही हूं. शुभ्रा भट्टाचार्य बताती हैं कि मैं हर साल मां सरस्वती की पूजा करती हूं. मां के लिए लावा की माला बनेगी. मां को श्वेत रंग भाता है. इसलिए श्वेता चीजों की खरीदारी की प्रधानता रहती है. बेर, नारियल आदि फल खरीदी हूं.
Also Read: Basant Panchami 2021: मां सरस्वती ने सृष्टि को क्या दिया था वर, जिसके बाद होने लगी उनकी पूजाप्रियांशी कहती हैं कि मां सरस्वती विद्या के साथ-साथ संगीत की भी देवी है. इसलिए सभी उनकी पूजा करते हैं. मां की प्रतिमा की पूजा होगी. मां की पूजा तक अन्न-जल ग्रहण नहीं करती हूं. जयप्रकाश शर्मा ने कहा कि सरस्वती पूजा में हमलोग मां की प्रतिमा के सामने पुस्तक रखते हैं. माना जाता है कि ऐसा करने से मां विद्यार्थियों को विद्या देती हैं. इसलिए इस दिन पुस्तक की पूजा भी की जाती है.
Posted By : Guru Swarup Mishra