शांति निकेतन में धूम-धाम से मनाया गया बसंतोत्सव, बंगाल पर चढ़ा होली का खुमार
शांति निकेतन में बसंतोत्सव
पटना : होली देशभर में अलग-अलग अंदाज में मनायी जाती है,कहीं ब्रज के लट्ठमार होली की धूम रहती है,तो कहीं काशी के रंगभरी होली की.वहीं पश्चिम बंगाल में आकर्षण का केंद्र रहता है रवींद्रनाथ टैगोर के द्वारा स्थापित किये शांति निकेतन की होली ,जिसे बसंतोत्सव के नाम से जाना जाता है.जिस होली समारोह की शुरुआत स्वयं रवींद्रनाथ टैगोर ने यहां कभी की थी,और उस परंपरा को आज भी निभाया जाता है.
गुरुवार को विश्विद्यालय परिसर में हुए बसंतोत्सव समारोह में विश्विद्यालय की छात्राओं ने पारंपरिक परिधान में इस समारोह में रंग भरा.छात्रों ने भी उत्सव में उनका साथ दिया और सभी जमकर झूमे.विश्वविद्यालय परिसर का विहंगम दृश्य देखने हर साल लोगों की भीड़ उमड़ती है.रंग बिरंगी फूलों से सजी छात्राएं अबीरों में रंगकर हर साल रवींद्र संगीत पर झूमते थिरकते हैं.शांति निकेतन के इस बसंतोत्सव की शुरुआत इसके संस्थापक रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी,तब यहां के छात्र छात्राएं पेड़ की छांव में बैठकर लय व सुर में संगीत गाते थे. यहां होली को बसंतोत्सव के नाम से मनाया जाता है, जिसमे शांति निकेतन के रवींद्रभारती विश्वविद्यालय के छात्र छात्राएं पारंपरिक तरीके से मनाते हैं.