Bhadrapad Pradosh Vrat 2024: भाद्रपद प्रदोष व्रत के दिन इस मुहूर्त में करें पूजा, मिलेगा शुभ फल
Bhadrapad Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में बेहद महत्व है. इसे प्रदोष व्रत इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इस तिथि पर शाम के समय यानी 'संध्याकाल' के दौरान पूजन का विधान है. आइए जानें ये व्रत कब है.
Bhadrapad Pradosh Vrat 2024: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और इसे रखने से भक्तों को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं. भाद्रपद मास का पहला प्रदोष व्रत, जो कि कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है, विशेष महत्व रखता है. इस व्रत के दौरान कई शुभ योग बनते हैं, जो इसे और अधिक फलदायी बनाते हैं.
भाद्रपद प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त क्या है ?
तिथि: भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी
तारीख: 31 अगस्त, 2024
प्रदोष काल: शाम 06 बजकर 43 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 59 मिनट तक
भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 31 अगस्त 2024 को प्रदोष व्रत रखा जाएगा. पंचांग के अनुसार, यह तिथि देर रात 2 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी और 1 सितंबर को रात 3 बजकर 40 मिनट पर समाप्त होगी. प्रदोष व्रत का महत्त्व प्रदोष काल में शिव जी की पूजा से जुड़ा है, इसलिए इस दिन भक्त सुबह और शाम दोनों समय भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करें. विशेष रूप से प्रदोष काल में, जो शाम 06:43 बजे से रात 08:59 बजे तक रहेगा, शिव जी की पूजा और प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें.
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भाद्रपद प्रदोष व्रत में बन रहा है ये शुभ योग
वरीयान योग: सभी कार्यों के लिए शुभ
गर योग: पूजा का फल दोगुना
वणिज करण: व्यापार और धन लाभ के लिए शुभ
भाद्रपद प्रदोष व्रत पूजा विधि यहां से जानें
शिवलिंग का अभिषेक: पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें.
बेलपत्र अर्पण: बेलपत्र शिवजी को प्रिय हैं, इसलिए उन्हें बेलपत्र अवश्य अर्पित करें.
मंत्र जाप: ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें.
कथा सुनें: प्रदोष व्रत की कथा सुनना आवश्यक है.
व्रत का संकल्प: व्रत शुरू करने से पहले संकल्प लेना चाहिए.
निराहार या फलाहार: व्रत के दौरान निराहार या फलाहार किया जा सकता है.
सत्य बोलना: व्रत के दौरान सत्य बोलना चाहिए.
क्रोध से बचना: क्रोध से बचना चाहिए.
सेवा कार्य: जरूरतमंदों की सेवा करना चाहिए. सेवा करने से परिवार के साथ आपका भी उन्नति होता है. नौकरी में संपन्नता बनेगी.
शुभ योगों का प्रभाव
सर्वार्थ सिद्धि: ये योग सभी कार्यों के लिए शुभ फलदायी होते हैं. इसलिए इस योग में कार्य किए जाते है.
मनोकामना पूर्ति: इन योगों में की गई पूजा और मंत्र जाप का फल शीघ्र ही प्राप्त होता है. पुजन करने वाले के जो भी कुछ मन में विचार आता है वह पुरा होता है.
सकारात्मक ऊर्जा: ये योग सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं. सकारात्मक ऊर्जा से परिवार में उन्नति होती है तथा आपके रुके हुऐ कार्य फिर से चालू हो जाता है.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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