Bhaum Pradosh Vrat 2024: आज है भौम प्रदोष व्रत, जरूर करें ये सरल उपाय

Bhaum Pradosh Vrat 2024: महीने की शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत का आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर पूजा करने से भगवान महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. भौम प्रदोष व्रत रखने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं.

By Shaurya Punj | October 15, 2024 7:55 AM

Bhaum Pradosh Vrat 2024:  हर महीने कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत का आयोजन किया जाता है. इस वर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी 15 अक्टूबर को है. चूंकि यह मंगलवार को पड़ रहा है, इसे भौम प्रदोष व्रत कहा जाएगा.

भौम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 15 अक्टूबर 2024 को सुबह 3 बजकर 42 मिनट पर प्रारंभ होगी और इसका समापन अगले दिन, 16 अक्टूबर को 12 बजकर 19 मिनट पर होगा. उदयातिथि के कारण उपवास 15 अक्टूबर को रखा जाएगा.

Bhaum Pradosh Vrat Katha: भौम प्रदोष व्रत पर जरूर सुनें ये कथा, शिवजी के साथ हनुमान जी की भी बरसेगी कृपा

प्रदोष व्रत पूजा की विधि

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
घर के मंदिर में दीप जलाएं.
यदि संभव हो तो व्रत का पालन करें.
भगवान भोलेनाथ का गंगा जल से अभिषेक करें.
भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें.
इस दिन माता पार्वती और भगवान गणेश की भी पूजा करें. किसी भी शुभ कार्य से पूर्व भगवान गणेश की पूजा का महत्व है.
भगवान शिव को भोग अर्पित करें. ध्यान रखें कि भगवान को केवल सात्विक वस्तुओं का भोग लगाया जाए.

भौम प्रदोष व्रत पर करें ये उपाय

यदि आपकी कुंडली में शनि कमजोर स्थिति में है, तो भौम प्रदोष व्रत के दिन स्नान और ध्यान के बाद विधिपूर्वक भगवान शिव की पूजा करें. इस अवसर पर गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें.

पूजा के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जप करें और शिव चालीसा तथा शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें. इस उपाय को करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और साधक को शनि की बाधाओं से मुक्ति मिलती है.


यदि आप मानसिक तनाव से ग्रसित हैं, तो भौम प्रदोष व्रत पर गाय के कच्चे दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें. पूजा के बाद चावल, चीनी और सफेद वस्त्र का दान करना न भूलें. इस उपाय से मानसिक तनाव की समस्या में कमी आती है.


यदि आपकी शादी में मंगल दोष के कारण रुकावट आ रही है, तो भौम प्रदोष व्रत पर स्नान और ध्यान के बाद जल या गंगाजल में शहद और सुगंध मिलाकर अभिषेक करें. इस उपाय से मंगल दोष का प्रभाव समाप्त होता है.

Next Article

Exit mobile version