अक्सर लोग कहते हैं कि मेरा ग्रह नक्षत्र ठीक नहीं चल रहा है. क्या आप जानते हैं कि ये सभी खेल नक्षत्रों से संबंधित हैं. जीवन को अनुकूल बनाने के लिए ग्रह नक्षत्र बहुत ही उत्तम रहता है. ज्योतिष शास्त्र में कुंडली का फल निर्धारित करने के लिए ग्रह-नक्षत्रों का सही होना बहुत जरूरी है.
वैदिक ज्योतिष पूर्णतः ग्रहों एवं नक्षत्रों पर आधारित है. व्यक्ति के मन में यह विचार आता है कि ग्रह-नक्षत्र क्या हैं, आज उनके बारे में जानकारी कैसे प्राप्त की जाए. तो आइए जानते हैं कि अश्विनी नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्म लेने वाले जातकों के जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और उनके पारिवारिक जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और साथ ही इस राशि के जातकों को किस भगवान की पूजा करनी चाहिए जिससे कि उनके ऊपर चल रही परेशानियां दूर हो जाएं
वैसे तो नक्षत्र 27 हैं लेकिन सभी नक्षत्रों को चार चरणों में विभाजित किया गया है. नक्षत्रों के समूह में अश्विनी नक्षत्र प्रथम नक्षत्र है. इस नक्षत्र का स्वामी केतु है. राशि मेष है. जिस व्यक्ति के पास जन्म कुंडली नहीं होती उसे जन्म का समय याद नहीं रहता, उन्हें केवल राशि का पता रहता है. यदि आपको पहला अक्षर याद है तो आप दिए गए उपाय अपना सकते हैं. अश्विनी नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्मे बच्चे के नाम का पहला अक्षर (चू) होता है.
अश्विनी नक्षत्र प्रथम चरण
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति का कद मध्यम, चेहरे का रंग सांवला होता है. जातक स्वभाव से स्वार्थी एवं कामी होता है. जातक सदैव धर्म में रुचि रखता है. वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सजग रहता है. व्यक्ति अपनी इच्छानुसार जीवन व्यतीत करता है. पुरुष की पत्नी कठोर स्वभाव की लेकिन बहुत भाग्यशाली होती है. लेकिन वह ज्यादातर समय बीमार ही रहती हैं. वह अपने परिवार का बहुत अच्छे से ख्याल रखते हैं और उनके काम में कोई लापरवाही नहीं होती है.
अश्विनी नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्मे लोग बहुत मेहनत करते हैं और अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह रहते हैं. इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले बच्चे रक्त एवं मानसिक रोगों से पीड़ित होते हैं.
किसकी पूजा करें?
अश्विनी नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्मे जातक को मंगलयंत्र की स्थापना कर नियमित हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए, उत्तम लाभ मिलेगा.
कौन सा रत्न धारण करें?
अश्विनी नक्षत्र के प्रथम चरण में जन्मे व्यक्ति को उच्च श्रेणी का मूंगा रत्न धारण करना चाहिए.
ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्र
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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