Buddha Purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा कब है? जानें सही डेट शुभ मुहूर्त-पूजा विधि और इस दिन का महत्व

Buddha Purnima 2024: वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि को भगवान बुद्ध के रूप में भगवान विष्णु के नौवें अवतार का जन्म हुआ था. आइए जानते है इस दिन से जुड़ी पूरी जानकारी

By Radheshyam Kushwaha | May 21, 2024 5:46 PM

Buddha Purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा -हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 23 मई को बुद्ध पूर्णिमा है. यह पर्व हिंदू और बौद्ध दोनों ही धर्मों के लोग मनाते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान बुद्ध के रूप में भगवान विष्णु के नौवें अवतार का जन्म हुआ था. इस दिन का संबंध केवल भगवान बुद्ध के जन्म से नहीं है बल्कि इसी पूर्णिमा तिथि को वर्षों वन में भटकने व कठोर तपस्या करने के पश्चात बोधगया में बोधिवृक्ष नीचे बुद्ध को सत्य का ज्ञान हुआ. वैशाख पूर्णिमा के ही दिन कुशीनगर में उनका महापरिनिर्वाण हुआ था. धार्मिक मान्यता है कि बुद्ध पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान दान करने से गौ-दान के समान फल मिलता है. इसके साथ ही इस दिन ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद ही भोजन करना चाहिए.

बुद्ध पूर्णिमा 2024 शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, 22 मई, 2024 दिन बुधवार शाम 06 बजकर 47 मिनट पर वैशाख पूर्णिमा तिथि की शुरुआत होगी. वहीं इस तिथि का समापन अगले दिन 23 मई गुरुवार शाम 07 बजकर 22 मिनट पर होगा उदयातिथि को मानते हुए वैशाख पूर्णिमा 23 मई, 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन स्नान-दान करने का शुभ मुहूर्त सुबह 4 बजकर 4 मिनट से सुबह 5 बजकर 26 मिनट तक है. वहीं पूजा का समय सुबह 10 बजकर 35 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक है. चंद्रोदय का समय रात 7 बजकर 12 मिनट है.

बुद्ध पूर्णिमा पर जरुर करें ये काम

शास्त्रों के अनुसार वैशाख पूर्णिमा पर पवित्र नदी के जल से स्नान करना चाहिए. स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. पूजन के बाद ब्राह्मण को पानी से भरा घड़ा और पकवान आदि का दान करना चाहिए. ऐसा करने से गौ-दान करने के समान पुण्य प्राप्त होता है. इस दिन घर में सत्यनारायण भगवान की कथा करें और रात्रि काल में मां लक्ष्मी को कमल का फूल अर्पित करके चंद्रमा को अर्घ्य दें. इससे मानसिक शांति मिलती है. सुख-समृद्धि का वास होता है. बौद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन उनके उपदेश सुनते है,उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं और लोगों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं.

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वैशाख पूर्णिमा पर क्यों करनी चाहिए चांदी के सिक्कों की पूजा?

हर धातु का संबंध किसी न किसी ग्रह से होता है. ऐसे ही चांदी का संबंध चंद्रमा गृह से माना गया है. शास्त्रों में पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करने के लिए कहा गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा की स्थिति को मजबूत करने के लिए वैशाख पूर्णिमा के दिन चांदी के सिक्कों की पूजा करना चाहिए.

वैशाख पूर्णिमा पर कैसे करें चांदी के सिक्कों की पूजा?

  • वैशाख पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय एक कटोरी में शुद्ध जल लें.और उस कटोरी को चंद्रमा की रोशनी में रख दें.
  • इसके बाद एक पान के पत्ते पर चांदी के सिक्कों को रखें.फिर उन पान के पत्तों पर चंदन और अक्षत लगाएं.
  • उन सभी चांदी के सिक्कों को कलावे से लपेटकर पान के पत्ते में बांध लें. फिर पान और उन चांदी के सिक्कों को एक लाल कपड़े में लपेट दें.
  • इसके बाद उस पोटली को पैसों की तिजोरी में रख दें. ऐसा कहा जाता है कि इससे धन लाभ के योग बनते हैं.
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