budh ka rashi parivartan September 2021: सितंबर का महीना शुरू हो चुका है. वर्तमान समय बुध ग्रह कन्या राशि में गोचर कर रहे हैं और 22 सितंबर तक इसी राशि में विराजमान रहेंगे. इसके बाद 22 सितंबर से तुला राशी में गोचर करेंगे. इसी दौरान 26 सितंबर से बुध अस्त और 27 सितंबर से बुध वक्री होंगे. कन्या राशि में गोचर कर रहे बुध पर राहु की दृष्टि है, राहु दुष्टता का कारक है.
इस गोचर से बुध के कारक विषय मित्रता, आर्थिक लेन देन, यात्रा प्रभावित होंगे. किसी मित्र की वजह से कष्ट, जहा से धन मिलने की उमीद वहा से धन आने में रुकावट आयेगी, यात्रा में भी कष्ट के योग बनेगे. ज्योतिष अनुसार जन्म कुंडली में बुध का गोचर 1 से 6 भाव तक शुभता देता है, जबकि अन्य भाव में बुध गोचर के फल अशुभ जानना चाहिये. लेकिन ज्योतिष का महत्वपूर्ण सूत्र समझ लीजिए कि कोई भी ग्रह जिस भाव में गोचर करता है.
वहां सिर्फ भाव की प्रकृति, भावेश से मित्रता या शत्रुता संबंध को देख कर और अपने कारक तत्वों के अनुसार फल देता है. बुध अपनी दशा या गोचर में शुभ फल दे रहा हो तो प्रतियोगिता में विजय, सरकारी नौकरी की प्राप्ति, व्यापार में लाभ, प्रोजेक्ट या नए टेंडर की प्राप्ति, यात्रा में सुख की प्राप्ति होती है.
जबकि बुध अपनी दशा या गोचर में अशुभ फल दे रहा तो व्यापार में हानि, मित्रता में धोखा, प्रतियोगिता में पराजय, आय प्राप्ति में रुकावट, बहन, बेटी से कष्ट मिलता है. इस नाते जिन को भी बुध के अशुभ फल मिल रहे हो उनको बुध की शुभता प्राप्ति के लिए बुधवार के दिन हरी मूंग, हरे वस्त्र, हरी चूड़ियां, चारा, कच्चा घड़ा दान या जल प्रवाह के उपाये करने चाहिए.
संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष एवं रत्न विशेषज्ञ
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Posted by: Radheshyam Kushwaha