Budh Pradosh Vrat 2024 पर चाह ग्रहों का बन रहा महासंयोग, जानें पूजा मुहूर्त
Budh Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. जिस दिन वह होता है, उस दिन के साथ जुड़कर वह विशेष फल प्रदान करता है. ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत है और उस दिन बुधवार है, इस वजह से वह बुध प्रदोष व्रत है.
Budh Pradosh Vrat 2024: हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत, भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण व्रत है. प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को यह व्रत रखा जाता है. आगामी 19 जून, 2024 को ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पड़ रही है, जो बुध प्रदोष व्रत के रूप में विशेष महत्व रखती है.
पंचांग का अद्भुत संयोग
इस बार बुध प्रदोष व्रत पंचांग के अद्भुत संयोग के साथ आ रहा है. ज्येष्ठ माह की त्रयोदशी तिथि को सिद्ध योग, साध्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, अमृत सिद्धि योग और अनुराधा नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है. इन शुभ योगों के प्रभाव से इस व्रत का महत्व और फलदायिता अत्यधिक बढ़ जाती है.
Pradosh Vrat 2024: शिव कृपा पाने के लिए करें प्रदोष व्रत, जानिए पूजा विधि और सरल उपाय
धार्मिक महत्व
मान्यतानुसार, बुध प्रदोष व्रत को रखने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, कष्टों का नाश होता है, ग्रहों के दोष दूर होते हैं, और संतान प्राप्ति में भी सहायता मिलती है.
त्रयोदशी तिथि और पूजा मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 19 जून, 2024 (सुबह 7:28 बजे)
त्रयोदशी तिथि समाप्त: 20 जून, 2024 (सुबह 7:49 बजे)
पूजा मुहूर्त: 19 जून, 2024 (शाम 7:22 बजे से 9:22 बजे तक)
पूजा विधि
प्रातः स्नान: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें.
संकल्प: भगवान शिव के समक्ष व्रत का संकल्प लें.
शिव पूजन: शिवलिंग की स्थापना करें और विधिवत पूजन करें.
त्रयोदशी व्रत कथा: प्रदोष व्रत कथा का श्रवण करें.
दीपदान: शाम के समय दीप जलाकर भगवान शिव की आरती गाएं.
भोग: शिवलिंग को फल, फूल और मिठाई अर्पित करें.
रात्रि जागरण: रात भर जागकर भगवान शिव का ध्यान करें.
व्रत का पारण
अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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