Budh Vakri 2023: वैदिक ज्योतिष में बुद्धि के कारक ग्रह बुध 13 दिसंबर की दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर धनु राशि में वक्री होने जा रहे हैं. बुध धनु राशि में 28 दिसंबर तक वक्री अवस्था में रहेंगे. बुध ग्रह वक्री अवस्था में ही 13 दिसंबर को वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे. बुध वक्री का प्रभाव सभी के जीवन पर पड़ेगा. वक्री बुध का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में कई समस्याएं लेकर आ सकता है. वक्र का अर्थ होता है टेढ़ा, जब कोई ग्रह पृथ्वी और सूर्य के सापेक्ष निकटतम बिंदु तक पहुंच जाता है, तब पृथ्वी से देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि वह उल्टी दिशा में चल रहा है, इसी उल्टी चाल को ज्योतिष की भाषा में वक्री गति कहा जाता है. वक्र गति से चलने वाले ऐसे ग्रह विशेष को वक्री ग्रह कहा जाता है. वक्री अवधि के दौरान ग्रह बहुत शक्तिशाली हो जाते हैं और आपके जन्म कुंडली में दशा के आधार पर अच्छे और बुरे परिणाम देते हैं. वक्री ग्रह हमें अपने कार्यों पर विचार करने को कहता है.
ज्योतिष के अनुसार बुध ग्रह को ज्ञान, तर्क क्षमता और अच्छे संचार कौशल के साथ-साथ एक युवा ग्रह माना जाता है. यह चंद्रमा की तरह अति संवेदनशील भी है. हालांकि मनुष्य के जीवन में बुध बुद्धि, याददाश्त, सीखने की क्षमता, संचार कौशल जैसी चीजों को नियंत्रित करते हैं, इसके अलावा बुध कॉमर्स, बैंकिंग, शिक्षा, लेखन, किताबें, ह्यूमर, संचार और मीडिया आदि क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं. 12 राशियों में बुध को मिथुन और कन्या राशि का आधिपत्य प्राप्त है, जब बुध वक्री हो जाते हैं तो हमें तो हमारे सोचने समझने की क्षमता कमज़ोर हो जाती है, वाणी कठोर हो जाती है. वहीं गैजेट्स जैसे मोबाइल, लैपटॉप, कैमरा, स्पीकर आदि खराब होने लगते हैं, इसके अलावा कागजी काम और दस्तावेज़ों में गलतियां होने लगती है.
धनु राशि काल पुरुष की कुंडली का नौवीं राशि होती है. धनु राशि अग्नि तत्व की राशि होती है, जो कि स्वभाव से दोहरी है और पुरुष तत्व की राशि है. ये धर्म आत्मविश्वास, वेद, सत्य, पिता, गुरु, वक्ता, सरकारी अधिकारी, लंबी दूरी की यात्रा और अंतरात्मा के कारक हैं. ऐसे में बुध धनु राशि में वक्री राजनेताओं, धर्म गुरु, शिक्षकों और उपदेशकों के लिए उनकी टिप्पणियों के कारण समस्याएं पैदा कर सकता है, इसके अलावा लोगों के बीच विभिन्न धार्मिक मान्यताओं के कारण संघर्ष होने की भी संभावना है.
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मेष राशि के जातक के लिए बुध तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं. बुध धनु राशि में वक्री आपके नौवें भाव में होंगे. नौवां भाव धर्म, पिता, राजनीति, लंबी दूरी की यात्रा, धार्मिक स्थल और भाग्य को दर्शाता है, इसके परिणामस्वरूप जातक को बातचीत करने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. आपका किसी से विवाद या झगड़ा हो सकता है. बुध धनु राशि में वक्री काल के दौरान कुछ गलतफहमी के कारण आपके छोटे भाई-बहनों या चचेरे भाई के साथ आपके रिश्ते में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा. आपको अपनी सेहत का विशेष ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि कुछ पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं आपको फिर से परेशान कर सकती हैं.
उपाय: प्रतिदिन तुलसी के पौधे को जल दें और उसकी एक पत्ती का सेवन करें.
वृषभ राशि के जातक के लिए बुध दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं. बुध धनु राशि में वक्री आपके आठवें भाव में होंगे. यह भाव अचानक होने वाली घटना, गोपनीयता, रहस्य विज्ञान को दर्शाता है. बुध का आठवें भाव में मौजूदगी अच्छा नहीं माना जाता है. बुध की वक्री अवस्था और भी अधिक नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है. आपको त्वचा में एलर्जी, संक्रमण, कीड़े के काटने या यूटीआई जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़े. बुध धनु राशि में वक्री आपके ससुराल पक्ष के साथ कुछ गलतफहमी भी दे सकता है. इस दौरान आप अपनी वाणी के कारण परेशानी में पड़ सकते हैं . आप माता-पिता और अपने बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना होगा.
उपाय: प्रतिदिन महिषासुर मर्दिनी पाठ का पाठ करें.
मिथुन राशि के जातक के लिए बुध पहले (लग्न) और चौथे भाव के स्वामी हैं. बुध धनु राशि में वक्री आपके सातवें भाव में हो रहे हैं. सातवां भाव जीवनसाथी और बिजनेस पार्टनरशिप को दर्शाता है, इस दौरान आपको स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होगी. आपके घरेलू जीवन भी अस्त-व्यस्त होने की संभावना है. आपके वैवाहिक जीवन में कुछ कलह या गलतफहमी हो सकती है. जिन लोगों की शादी अभी-अभी तय हुई है उनके लिए भी बुध धनु राशि में वक्री कई प्रकार से परेशानियां पैदा करेंगे, जो जातक पार्टनरशिप में व्यापार कर रहे हैं, उन्हें भी कुछ गलतफहमी का सामना करना पड़ेगा. वक्री बुध के कारण आपकी माता का भी स्वास्थ्य खराब होने की संभावना है.
उपाय: अपने बेडरूम में एक इनडोर पौधा रखें और उनकी देखभाल करें.
कर्क राशि के जातक के लिए बुध आपके बारहवें और तीसरे भाव के स्वामी हैं. बुध धनु राशि में वक्री आपके छठे भाव में होने जा रहे हैं, जो कि रोग, शत्रु, प्रतिस्पर्धा व मामा का भाव माना जाता है. कर्क राशि वालों के लिए बुध की वक्री अवस्था अनुकूल नहीं रहेगी, इस दौरान आपको कई समस्याएं झेलनी पड़ेगी. आप अपने बोलचाल की वजह से किसी झगड़े या विवाद में पड़ सकते हैं. वहीं जो लोग लेखक, मीडियाकर्मी, सोशल मीडिया या निर्देशक के रूप में काम कर रहे हैं, उन्हें अपने काम में उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है. बुध वक्री काल के दौरान आपके स्वास्थ्य में गिरावट देखने को मिलेगी.
उपाय: मंदिर या जरुरतमंदों को आस्था के अनुसार हरा कद्दू या हरी मूंग की दाल दान करें.
सिंह राशि के जातक के लिए बुध ग्यारहवें और दूसरे भाव के स्वामी हैं. बुध धनु राशि में वक्री आपके पांचवें भाव में हो रहे हैं, जो कि शिक्षा, प्रेम संबंध, सट्टेबाजी और बच्चों का भाव माना जाता है, इसे पूर्व पुण्य भाव भी कहा जाता है. बुध वह ग्रह है जो आपके वित्त को नियंत्रित करता है. आप धन के मामलों में सतर्कता बरतें. इस दौरान कोई भी बड़ा आर्थिक निवेश करने से बचें. आपके पांचवां भाव सट्टेबाजी का भाव है और बुध का इस भाव में वक्री होना आपके लिए अनुकूल नहीं रहने की संभावना है. सट्टेबाजी या शेयर बाजार में अपना पैसा निवेश करना आपके लिए उचित नहीं रहेगा. आपके प्रेमी-प्रमिका से गलतफहमी के कारण नोंकझोक हो सकता है.
उपाय: अपने पर्स में हरा रुमाल या हरी इलायची रखें और इसे नियमित रूप से बदलें.
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कन्या राशि वालों के लिए बुध आपके लग्न और दसवें भाव के स्वामी हैं. बुध धनु राशि में वक्री आपके चौथे भाव में होने जा रहा है, जो कि माता, पारिवारिक जीवन, घर, गाड़ी और प्रॉपर्टी जैसी चीजों को दर्शाता है. लग्न भाव के स्वामी होने के कारण आपको कई स्वास्थ्य समस्याएं से दो-चार होना पड़ सकता है. कार्यक्षेत्र में उतार-चढ़ाव के कारण आपके पेशेवर जीवन में भी परेशानियां पैदा हो सकती है. आपको घर के काम और पेशेवर काम को एक साथ संभालना मुश्किल लग सकता है. चौथे भाव में बुध के वक्री होने के से घरेलू जीवन में कई परेशानियां आ सकती है. आपकी माता के साथ आपके संबंध खराब हो सकते हैं.
उपाय: बुधवार के दिन सोने या फिर पंचधातु की अंगूठी में 5-6 कैरेट का पन्ना धारण करें. आपको इससे कई सारे लाभ होंगे.
तुला राशि के जातक के लिए बुध नौवें और बारहवें भाव के स्वामी हैं. बुध धनु राशि में वक्री आपके तीसरे भाव में हो रहे हैं. तीसरा भाव छोटे भाई-बहन, रुचि, छोटी दूरी की यात्रा, संवाद कौशल का प्रतिनिधित्व करता है. आप अपने बातचीत के कारण किसी झगड़े व विवाद में पड़ सकते हैं. बुध धनु राशि में वक्री काल के दौरान आपको अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं, इस अवधि में अपने छोटे भाई-बहनों के साथ किसी प्रकार के विवाद में न पड़े. यदि आप लेखन के क्षेत्र में विशेषज्ञ के रूप से काम कर रहे हैं, तो आपको अपने काम में ध्यान केंद्रित करने में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.
उपाय: बुधवार के दिन अपने घर में तुलसी का पौधा लगाएं और प्रतिदिन उसकी पूजा करें.
वृश्चिक राशि के जातक के लिए बुध आपके आठवें और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं. बुध धनु राशि में वक्री आपके दूसरे भाव में होने जा रहा है. दूसरा भाव परिवार, बचत और संवाद को दर्शाता है. दूसरे भाव में बुध का वक्री आपके लिए अधिक अनुकूल प्रतीत होता नहीं दिख रहा है. बुध धनु राशि में वक्री काल के दौरान आपको अपनी बातचीत पर भी नजर रखने की आवश्यकता हो सकती है. क्योंकि वाद-विवाद व झगड़ा होने की संभावना है. कुछ गलतफहमी की वजह से ससुराल पक्ष से भी आपके रिश्ते खराब हो सकते हैं, इसलिए सतर्क रहें. वही जो जातक रिसर्च के क्षेत्र से जुड़े हैं उन्हें शोध से जुड़े पेपर जमा करने में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.
उपाय: बुध के बीज मंत्र का प्रतिदिन 108 बार जाप करें.
धनु राशि के जातक के लिए बुध सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं. बुध धनु राशि में वक्री आपके पहले यानी लग्न भाव में होंगे. इस दौरान आपकी प्रतिष्ठा खराब होने की संभावना है, जो लोग राजनीतिक, प्रेरणादायक वक्ता, सट्टा फाइनेंसर या मीडिया के क्षेत्र से जुड़े हैं, उन्हें इस अवधि अपने काम में प्रगति न मिलने के संकेत मिल रहे हैं. आपको इस दौरान तंत्रिका तंत्र, त्वचा में एलर्जी से जुड़ी समस्या परेशान कर सकती है. वहीं सातवें और दसवें भाव के स्वामी का लग्न भाव में वक्री होना आपके वैवाहिक जीवन के साथ-साथ आपके व्यावसायिक जीवन में समस्या आ सकती है. यदि आप किसी भी बात को नजरअंदाज करेंगे तो समस्या और अधिक बढ़ सकती है.
उपाय: रोजाना भगवान गणेश की पूजा करें और बुधवार के दिन उन्हें दूर्वा (घास) चढ़ाएं.
मकर राशि के जातक के लिए बुध छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं. बुध धनु राशि में वक्री आपके बारहवें भाव में हो रहे हैं. यह भाव विदेशी जमीन, पृथक्करण, व्यय, अस्पताल और विदेशी कंपनी जैसी एमएनसी को दर्शाता है. बुध धनु राशि में वक्री आपके लिए अनुकूल प्रतीत नहीं होने की संभावना है, इस दौरान आपको अपनी सेहत का अच्छी तरह से ध्यान देने की सलाह दी जाती है. क्योंकि किसी पुरानी बीमारी दोबारा चपेट में आने की पूरी आशंका है, इस अवधि आपके खर्चों में वृद्धि हो सकती है और आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है. कानूनी विवाद या अदालती मामलों का आपको एक बार फिर से सामना करना पड़ सकता है.
उपाय: बुधवार के दिन गाय को हरा चारा या हरी सब्जियां खिलाएं.
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कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं. बुध धनु राशि में वक्री आपके ग्यारहवें भाव में हो रहे हैं. ग्यारहवां भाव आर्थिक लाभ, इच्छा, बड़े भाई-बहनों, पेशेवर नेटवर्क और चाचा के भाव को दर्शाता है. बुध के ग्यारहवें भाव में वक्री होने के कारण आपको सामाजिक दायरे और पेशेवर नेटवर्क में गलतफहमी की वजह से कई चुनौतियों से गुजरता पड़ेगा. यदि आप अपने पार्टनर के साथ संयुक्त संपत्ति में निवेश करते हैं तो आपके लिए लाभदायक होगा. कुंभ राशि के माता-पिता को अपने बच्चों के स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. वहीं जो लोग किसी रिलेशनशिप में हैं तो इस अवधि में आपको अपने प्रेम जीवन पर अधिक ध्यान देने की जरूरत होगी.
उपाय: किन्नरों (ट्रांसजेंडर) का सम्मान करें और हो सके तो उन्हें हरे रंग के कपड़े और चूड़ियां उपहार में दें.
मीन राशि वालों के लिए बुध आपके चौथे और सातवें भाव के स्वामी हैं. बुध धनु राशि में वक्री आपके प्रोफेशन और कार्यस्थल के भाव यानी दसवें भाव में हो रहे हैं. आपके घरेलू और वैवाहिक जीवन में सुख की कमी देखने को मिल सकती है. कोई पुरानी स्वास्थ्य संबंधी कुछ समस्याएं फिर से परेशान करने लग जाए. घरेलू उपकरण भी बार-बार खराब या नुकसान हो सकते हैं. बुध धनु राशि में वक्री काल के दौरान आपको अपने काम को लेकर थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है. यदि आपका पार्टनरशिप में बिजनेस हैं तो गलतफहमी होने की संभावना है, जो जातक पार्टनरशिप में व्यवसाय कर रहे हैं. उन्हें थोड़ा सतर्क रहने की आवश्यकता है.
ज्योतिष शास्त्र में कई ऐसे उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से जीवन की हर परेशानी दूर की जा सकती है. ये उपाय करियर, नौकरी, व्यापार, पारिवारिक कलह सहित कई अन्य कार्यों में भी सफलता दिलाते हैं. नीचे दिए गए विभिन्न समस्याओं के निवारण के लिए आप एक बार ज्योतिषीय सलाह जरूर ले सकते है. यदि आपकी कोई ज्योतिषीय, आध्यात्मिक या गूढ़ जिज्ञासा हो, तो अपनी जन्म तिथि, जन्म समय व जन्म स्थान के साथ कम शब्दों में अपना प्रश्न radheshyam.kushwaha@prabhatkhabar.in या WhatsApp No- 8109683217 पर भेजें. सब्जेक्ट लाइन में ‘प्रभात खबर डिजीटल’ जरूर लिखें. चुनिंदा सवालों के जवाब प्रभात खबर डिजीटल के धर्म सेक्शन में प्रकाशित किये जाएंगे.