Budhwar ke Upay: गणेश जी की कृपा पाने के लिए श्रेष्ठ है बुधवार का दिन, इन उपायों से बनी रहेगी गणपति बप्पा की अनुकंपा

Budhwar ke Upay: हिंदू परंपरा में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में भगवान गणेश की पूजा करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है, ताकि कार्य में कोई भी अड़चन न आए. उन्हें विघ्नहर्ता और अपने भक्तों के सभी दुखों के निवारणकर्ता के रूप में भी पुकारा जाता है. बुधवार को भगवान गणेश की कृपा और आशीर्वाद प्राप्ति के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है.

By Radheshyam Kushwaha | June 19, 2024 1:33 PM

Budhwar ke Upay: सनातन धर्म में प्रत्येक दिन का विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा का विशेष महत्व होता है. उसी तरह, बुधवार का दिन भगवान गणेश की उपासना के लिए समर्पित होता है. इस दिन गणपति जी की पूजा-अर्चना से विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है, जिससे बुधवार के दिन आपको विभिन्न प्रकार की समस्याओं से निजात मिल सकती है.

करें इन चीजो का दान

बुधवार के दिन हरी मूंग की दाल का दान करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है. इसके अलावा, आप हरी मूंग की दाल का सेवन भी कर सकते हैं, जो लाभकारी होता है. यह विशेष माना जाता है कि इससे कुंडली में बुध की शक्ति में वृद्धि होती है. इसके साथ ही, बुधवार के दिन शिवलिंग पर भी हरी मूंग का अर्पण करना सुझाव दिया जाता है, जिससे साधक को जीवन में शुभ परिणाम प्राप्त हो सकते हैं.

गणेश जी को अर्पित करें ये चीज

बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा में शमी के पत्ते और दुर्वा का उपयोग करने की सलाह दी जाती है, इस दिन 21 दूर्वा की एक गांठ बनाकर गणेश जी के मस्तक पर चढ़ाने से उनकी कृपा बढ़ती है और व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं.

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गाय को खिलाएं ये चीज

हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है. इसी के आधार पर बुधवार के दिन गाय को हरी घास या हरा चारा खिलाना बहुत ही पुण्यकर और शुभ माना जाता है, जिससे ग्रह दोष से मुक्ति मिल सकती है. इसलिए, गाय को कम से कम तीन महीने तक इस प्रकार का आहार देने का प्रयास करें.

बुध मंत्रों का करें जप

बुधवार के दिन ग्रह बुध की शांति के लिए ये मंत्र बहुत प्रभावशाली माने जाते हैं.

  • ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः!
  • ॐ बुं बुधाय नमः अथवा ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः!
  • ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:
  • प्रियंगुकलिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम. सौम्यं सौम्य गुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम.

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