Chaitra Navratri 2020 : मां चंद्रघंटा की होगी आज पूजा, इस आरती को पढ़कर करें मां को प्रसन्न.

माँ दुर्गा chantra durga की तीसरी शक्ति व तीसरे स्वरूप का नाम चंद्रघंटा maa chandaraghanta है. नवरात्रि उपासना में आज 27 मार्च शुक्रवार के दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी. आज के दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन मां के इस भव्य चंद्रघंटा स्वरूप की पूजन-आराधन की जाती है. इस दिन साधक का मन 'मणिपूर' चक्र में प्रविष्ट होता है. मां चंद्रघंटा अपने भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति, आत्मविश्वास और मन पर नियंत्रण पाने का आशीर्वाद इस दिन देती हैं. मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान है, इसी कारण इन्हें देवी चंद्रघंटा कहा जाता है.माँ का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है.माता के उपासक मां की विधिवत पूजा कर इस आरती Maa chandraghanta ki aarti को जरूर करें. इससे मां अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर कृपा करती हैं.

By ThakurShaktilochan Sandilya | March 27, 2020 7:44 AM

माँ दुर्गा chantra durga की तीसरी शक्ति व तीसरे स्वरूप का नाम चंद्रघंटा maa chandaraghanta है. नवरात्रि उपासना में आज 27 मार्च शुक्रवार के दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी. आज के दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन मां के इस भव्य चंद्रघंटा स्वरूप की पूजन-आराधन की जाती है. इस दिन साधक का मन ‘मणिपूर’ चक्र में प्रविष्ट होता है. मां चंद्रघंटा अपने भक्तों को आध्यात्मिक शक्ति, आत्मविश्वास और मन पर नियंत्रण पाने का आशीर्वाद इस दिन देती हैं. मां चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र विराजमान है, इसी कारण इन्हें देवी चंद्रघंटा कहा जाता है.माँ का यह स्वरूप परम शांतिदायक और कल्याणकारी है.माता के उपासक मां की विधिवत पूजा कर इस आरती Maa chandraghanta ki aarti को जरूर करें. इससे मां अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर कृपा करती हैं.

Maa chandraghanta ki aarti :

मां चंद्रघंटा की आरती :

चंद्र समान तू शीतल दाती

पूर्ण कीजो मेरे काम

चंद्र तेज किरणों में समाती

क्रोध को शांत बनाने वाली

मीठे बोल सिखाने वाली

मन की मालक मन भाती हो

चंद्र घंटा तुम वरदाती हो

सुंदर भाव को लाने वाली

हर संकट मे बचाने वाली

हर बुधवार जो तुझे ध्याये

श्रद्धा सहित जो विनय सुनाय

जय मां चंद्रघंटा सुख धाम.

मूर्ति चंद्र आकार बनाएं

सन्मुख घी की ज्योत जलाएं

शीश झुका कहे मन की बाता

पूर्ण आस करो जगदाता

कांची पुर स्थान तुम्हारा

करनाटिका में मान तुम्हारा

नाम तेरा रटू महारानी

भक्त की रक्षा करो भवानी

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