Chaitra Navratri 2023: दुर्गा अष्टमी और राम नवमी कब है? जानें तिथि, पूजा का समय, महत्व
Durga Ashtami: चैत्र नवरात्रि, शरद नवरात्रि की तरह ही नौ दिनों तक माता की आराधना की जाती है. चैत्र नवरात्रि मां दुर्गा को समर्पित होती है. माता के भक्त प्रतिपदा से नवमी तक माता के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना और उपवास कर माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
Durga Ashtami: चैत्र नवरात्रि, शरद नवरात्रि की तरह ही नौ दिनों तक माता की आराधना की जाती है. चैत्र नवरात्रि मां दुर्गा को समर्पित होती है. माता के भक्त प्रतिपदा से नवमी तक माता के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना और उपवास कर माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. इस वर्ष, चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023 को शुरू हुई और 30 मार्च 2023 को समाप्त होगी. इस दौरान, भक्त उपवास करते हैं और हल्का सात्विक भोजन करते हैं. नवरात्रि के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक अष्टमी है. इस दिन बहुत से भक्त अपना उपवास तोड़ते हैं, जबकि कई भक्त नौवें दिन जिसे नवमी कहते हैं, अपना उपवास समाप्त करते हैं. आइए जानते हैं दुर्गा अष्ठमी का महत्व, राम नवमी तिथि, पूजा का समय, महत्व और अष्टमी भोग के बारे में-
Chaitra Ashtami Date and Time: चैत्र अष्टमी और नवमी तिथि और समय
इस वर्ष चैत्र अष्टमी 29 मार्च 2023 को पड़ रही है. इसे दुर्गा अष्टमी या महागौरी पूजा भी कहा जाता है. इस दिन संधि पूजा भी की जाती है जो अष्टमी के अंत और नवमी की शुरुआत का प्रतीक है. इन दो दिनों का मुख्य आकर्षण कन्या पूजन का अनुष्ठान है जो अष्टमी या नवमी पर होता है. त्योहार के आठवें और नौवें दिन क्रमशः मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.
महागौरी पूजा मंत्र
ॐ देवी महागौर्यै नमः॥
श्वेते वृशेषमरुधा श्वेतांबरधारा शुचिः।
महागौरी शुभम दद्यनमहादेव प्रमोददा॥
या देवी सर्वभूतेषु माँ महागौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
राम नवमी का महत्व
चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन रामनवमी के रूप में मनाया जाता है, इस दिन को भगवान राम, विष्णु के सातवें अवतार का जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. यह दिन मां सिद्धिदात्री को भी समर्पित है. देवी को अपने भक्तों को कई सिद्धियों का आशीर्वाद देने के लिए जाना जाता है और उन्हें चार भुजाओं के साथ गदा, चक्र, शंख और कमल के फूल के साथ चित्रित किया गया है. वह सिंह की सवारी करती हैं.
रामनवमी पर बन रहें 4 शुभ योग
हिंदू पंचांग के अनुसार राम नवमी 30 मार्च को मनाई जाएगी. 30 मार्च की रात 11 बजकर 30 मिनट तक चैत्र शुक्ल नवमी तिथि रहेगी. इस बार महानवमी के दिन 4 शुभ योग- सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग बनते नजर आ रहे हैं. इन शुभ योगों को ज्योतिष में बेहद खास महत्व माना गया है. इनमें किए गए पूजा-पाठ या काम बेहद शुभ फल देने वाला हैं. साथ ही इस दिन हवन और कन्या पूजन करना भी शुभ है.
मां सिद्धिदात्री मंत्र
ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः॥
सिद्ध गंधर्व यक्षद्यैरासुरैरमाररैपि।
सेव्यामन सदा भुयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥