Chaitra Navratri: चैत्र नवरात्र शुरू होने से पहले घर लायें ये चमत्कारी चीज, अपकी हर समस्या होगी छू मंतर
Chaitra Navratri: चैत्र नवरात्र का आरंभ ऐसे समय में हो रहा है जब पूरा देश दहशत में है. कोरोना बहुत तेजी से अपना फन फैला रहा है. इस बार नवरात्र का आरंभ दो विशेष शुभ योग के बीच होने जा रहा है. नवरात्र में अमृत योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. इस शुभ संयोग में नवरात्रि पर मां भगवती की आराधना करने पर विशेष फल मिलता है.
Chaitra Navratri: चैत्र नवरात्र का आरंभ ऐसे समय में हो रहा है जब पूरा देश दहशत में है. कोरोना बहुत तेजी से अपना फन फैला रहा है. इस बार नवरात्र का आरंभ दो विशेष शुभ योग के बीच होने जा रहा है. नवरात्र में अमृत योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. इस शुभ संयोग में नवरात्रि पर मां भगवती की आराधना करने पर विशेष फल मिलता है. चैत्र नवरात्र धन और धर्म की बढ़ोतरी के लिहाज से काफी खास माना जा रहा है.
इस बार चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि, अश्वनी नक्षत्र, सर्वार्थ और अमृत सिद्धि योग से प्रारंभ होगी. वहीं, 22 अप्रैल दिन गुरुवार को मघा नक्षत्र और सिद्धि योग में दशमी तिथि के साथ संपन्न हो जाएगा. मां अपने भक्तों को दर्शन घोड़े पर सवार होकर देने आ रही हैं. वही मां की विदाई नर वाहन पर होगी.
नवरात्रि में श्री यन्त्र स्थापित करने से मां की विशेष कृपा बरसाती हैं. श्री यन्त्र की सिद्धि भगवन शंकराचार्य ने की थी. दुनिया में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और ताकतवर यन्त्र इसे माना जाता है. वहीं, श्री यंत्र धन का भी प्रतीक हैं. यह यंत्र धन के अलावा शक्ति और अपूर्व सिद्धि का भी प्रतीक है. श्री यन्त्र के प्रयोग से सम्पन्नता, समृद्धि और एकाग्रता की प्राप्ति होती है. इसके सही प्रयोग से हर तरह की दरिद्रता दूर की जा सकती है, इसके साथ ही अपकी हर समस्या छू मंतर हो जाएगी.
श्री यन्त्र की आकृति दो प्रकार की होती है. उर्ध्वमुखी और अधोमुखी. भगवान शंकराचार्य ने उर्ध्वमुखी प्रतीक को सर्वाधिक मान्यता दी है. यन्त्र की स्थापना करने से पूर्व देख लें कि यह बिल्कुल ठीक बना हो. श्री यन्त्र आप काम करने के स्थान पर, पढ़ने के स्थान पर और पूजा के स्थान पर लगा सकते हैं. मान्यता है कि जहां पर श्री यन्त्र की स्थापना करें, वहां सात्विकता रखें और नियमित मंत्र जाप करें.
एकाग्रता के लिए श्री यन्त्र का कैसे प्रयोग करें
उर्ध्वमुखी श्री यन्त्र का चित्र अपने काम या पढ़ने की जगह पर लगाएं. वहीं, चित्र रंगीन हो तो ज्यादा बेहतर होगा. इसको इस तरह लगाएं कि यह आपकी आंखों के ठीक सामने हो. जहां भी इसको स्थापित करें, वहां गंदगी न फैलाएं, नशा न करें.
Posted by: Radheshyam Kushwaha