Chaitra Navratri Bhog 2024: चैत्र नवरात्रि में मां देवी के नौ स्वरूपों को लगाएं इन चीजों का भोग, जानें मुहूर्त और पूजन-हवन सामग्री

Chaitra Navratri Bhog 2024: नवरात्रि में कलश स्थापना करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. नवरात्रि के समय में पूरे विधि-विधान के साथ देवी के नौ स्वरूपों की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है.

By Radheshyam Kushwaha | April 6, 2024 5:01 PM

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों तक घरों एवं मंदिरों में शक्ति की देवी दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है. हिन्दू वैदिक पंचांग के अनुसार, इसी दिन से हिंदू नववर्ष भी शुरू होता है, इसी कारण से चैत्र नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के समय में पूरे विधि-विधान के साथ देवी के नौ स्वरूपों की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है, इस बार चैत्र नवरात्रि 09 अप्रैल 2024 से शुरू हो रही हैं, क्योंकि प्रतिपदा तिथि 08 मार्च की रात से लग रही है. इसलिए, उदया तिथि के कारण नवरात्रि 09 अप्रैल से शुरू होंगी और 17 अप्रैल 2024 को राम नवमी मनाई जाएगी. नवरात्रि के नौ दिन अगर पूरे विधि-विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा की जाए तो भक्तों के घर में सुख-शांति का वास होता है और साथ ही मां दुर्गा की कृपा सदैव उन पर बनी रहती है. आइए जानते है ज्योतिषाचार्य पंडित पीयूष पराशर से कलश स्थापना मुहूर्त, पूजन सामग्री और चैत्र नवरात्रि में किस दिन किस देवी किन चीजों का भोग लगाना चाहिए…

इस बार क्या है माता की सवारी?

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, इस बार माता रानी घोड़े पर सवार होकर आएंगी. अगर नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार से हो तो माना जाता है कि मां घोड़े पर सवार होकर आती हैं, जिसे शुभ नहीं माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इससे राष्ट्र में प्राकृतिक आपदा होने की संभावना बढ़ जाती है.

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना मुहूर्त

नवरात्रि पर कलश स्थापना के लिए सिर्फ 50 मिनट का शुभ समय है. कलश स्थापना 09 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 12 मिनट से सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक कर सकते हैं. यह सामान्य मुहूर्त है, जिसकी कुल अवधि 04 घंटे 11 मिनट की है. घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 बजकर 3 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक है, जिसकी कुल अवधि केवल 50 मिनट की ही है.

नवरात्रि कलश स्थापना सामग्री

नवरात्रि में कलश स्थापना करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. कलश स्थापना के लिए सात तरह का अनाज, मिट्टी का बर्तन, पवित्र स्थान से लायी गयी मिट्टी, कलश, गंगाजल, आम या अशोक के पत्ते, सुपारी, जटा वाला नारियल, लाल सूत्र, मौली, इलायची, लौंग, कपूर, रोली, अक्षत, लाल कपड़ा और फूलों की सामग्री की आवश्यकता होती है.

नवरात्रि हवन सामग्री

नवरात्रि में हवन सामग्री के लिए पीपल का तना और छाल, बेल, नीम, पलाश, चंदन की लकड़ी, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़, तिल, चावल, लौंग, गूलर की छाल, गाय का घी, गुग्गल, लोभान, इलायची, शक्कर, जौ, सूखा नारियल, कलावा और लाल रंग का कपड़ा होना आवश्यक है.

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चैत्र नवरात्रि के नौ दिन इन चीजों का लगाएं भोग

पहले दिन- मां शैलपुत्री को गाय के घी से बनी मिठाइयों का भोग लगाएं.
दूसरे दिन- मां ब्रह्मचारिणी को पंचामृत का भोग लगाएं.
तीसरे दिन- मां चंद्रघंटा मां को दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं.
चौथे दिन- मां कूष्मांडा को मालपुआ का भोग लगाएं.
पांचवें दिन- मां स्कंदमाता को चीनी, केला का भोग लगाएं.
छठे दिन- मां कात्यायनी को मीठे पान का भोग लगाएं.
सातवें दिन- मां कालरात्रि को गुड़ से बनी मिठाई का भोग लगाएं.
आठवें दिन- मां महागौरी को नारियल का भोग लगाएं.
नौवें दिन- मां सिद्धिदात्री को खीर, पूरी, हलवा का भोग लगाएं.

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