Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को महान राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री माना जाता है. आचार्य चाणक्य ने इंसान के जीवन को सफल और खुशहाल बनाने को लेकर अपने नीति शास्त्र में कई नीतियां बताई हैं. उन्होंने अपने नीति ग्रंथ में इंसान के जीवन, उसकी सोच सहित कई विषयों पर बारिकी से लिखा है. आइए जानते हैं चाणक्य के नीतियों के बारे में…
आचार्य चाणक्य ने अपने नीतियों में कहा हैं कि बुरे और बदनाम गांव में रहना अच्छे इंसान के लिए खतरनाक साबित होता है, क्योंकि वो इसान कितना भी परोपकारी क्यों ना हो ऐसे गांव में रहना उसके लिए ही नहीं, बल्कि उसके परिवार के लिए भी खतरनाक है. चाणक्य कहते हैं कि ऐसे गांव में रहना पल-पल डर, कष्ट और अपमानित होते हुए बीतेगा, क्योंकि उस गांव के लोग बिना किसी वजह के उसे सताते रहेंगे.
चाणक्य ने कहा है कि नीच कर्म करने वालों की सेवा करना कभी नहीं करना चाहिए. इसे अधर्म माना जाता है, क्योंकि बुरा करने वाला शख्स को नरक में भी स्थान नहीं मिल पाता है. अधर्मी व्यक्ति बहुत ज्यादा गुस्से वाले स्वभाव के होते हैं. उनकी बोली हमेशा कड़वी होती है. चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोगों की संगति में बुराई ही सीख सकते हैं. इसलिए ऐसे लोगों से दूरी बनाकर ही रहना चाहिए.
चाणक्य भोजन को लेकर कहते हैं कि कभी ऐसा भोजन नहीं करना चाहिए, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो. हेल्थ ही व्यक्ति की सबसे बड़ी कमाई है, क्योंकि अगर स्वास्थ्य खराब रहेगा तो हम हमेशा किसी ना किसी समस्या की चपेट में रहेंगे. इसलिए भोजन ऐसा करना चाहिए जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक रहे.
परोक्षे कार्यहन्तारं प्रत्यक्ष प्रियवादिनम्।
वर्जयेत्तादृशं मित्रं विषकुंभम् पयोमुखम्।।
आचार्य चाणक्य इस श्लोक के जरिए कहते हैं कि ऐसे दोस्त या मित्र जो हमारे मुंह पर तो मीठी-मीठी बातें करते हैं. लेकिन हमारे पीठ पीछे बुराई करते हैं. उनके साथ भूल से भी दोस्ती नहीं रखनी चाहिए. जी हां अगर आप एक बार उनकी इस फितरत से वाकिफ हो जाएं तो संभल जाएं क्योंकि ऐसे मित्र आपको कभी भी धोखा दे सकते हैं. ऐसे मित्रों से अलग हो जाना ही बेहतर होता है.
News posted by : Radheshyam kushwaha