Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य ने जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए कई नीतियों का बखान किया है. चाणक्य एक शिक्षक थे, लेकिन आचार्य चाणक्य शिक्षक होने के साथ-साथ एक कुशल अर्थशास्त्री भी थे. चाणक्य को अर्थशास्त्र का गहरा ज्ञान था, इसीलिए चाणक्य जीवन में धन के महत्व को अच्छी तरह से जानते थे. चाणक्य ने धन और वाणिज्य यानि व्यापार के बारे में भी अपनी चाणक्य नीति में बताया है.
चाणक्य के अनुसार व्यापार के क्षेत्र में जो लोग सक्रिय हैं उन्हें कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए. चाणक्य की उन नीतियों का पालन करने वाले व्यक्ति को किसी तरह की दिक्कत का सामना भी नहीं करना पड़ता है, बल्कि वो विपरीत परिस्थितियों में भी गंभीर रूप से अपने पथ पर आगे बढ़ता है और कामयाबी हासिल करता है. आइए जानते हैं सफलता हासिल करने के लिए चाणक्य की उन नीतियों के बारे में…
चाणक्य के अनुसार किसी भी काम को शुरू करने से पहले आपको इस बात का ज्ञान होना चाहिए कि आप वो काम क्यों कर रहे हैं. उससे आपको क्या फायदा होगा. साथ ही यह भी जानकारी होनी चाहिए कि आप उसमें किस हद तक सफल हो सकते हैं. चाणक्य कहते हैं कि अगर इन सवालों का जवाब आपके पास है तो आप अपने काम को ज्यादा लगन और विश्वास के साथ करते हैं और सफलता हासिल करते हैं.
चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति अनुशासन का पालन करता है और सदैव कठोर परिश्रम के लिए तैयार रहता है उसे सफल होने से कोई भी नहीं रोक सकता है. चाणक्य नीति कहती है कि सफलता की दिशा में पहला कदम कठोर परिश्रम है. परिश्रम की भावना अनुशासन से आती है. अनुशासन से ही परिश्रम का सार्थक फल प्राप्त होता है.
आचार्य चाणक्य ने सफलता पाने के लिए असफलता के डर को भगाना बेहद जरूरी बताया है. चाणक्य कहते हैं कि नाकामी का डर हावी हो जाने से इंसान कभी सफल नहीं हो सकता. साथ ही चाणक्य ये भी कहते हैं कि आपको अपनी प्लानिंग के बारे में किसी और से बात नहीं करनी चाहिए. इससे सामने वाला आपको नुकसान पहुंचा सकता है. वही, अपने दोस्त पर भी आंख बंद करके भरोसा न करें. मित्र के स्वार्थ की पूर्ति होते ही वो आपको हानि पहुंचाने की प्लानिंग करने लगता है. फिर आपकी मित्रता टूट भी जाती है और आपके सामने समस्या खड़ी हो जाती है.
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चाणक्य के अनुसार सफल बिजनेस मैन वहीं बन सकता है जो जोखिम लेने के लिए हमेशा तैयार रहता है. चाणक्य के अनुसार व्यापार जोखिम का क्षेत्र है. सही समय पर जो भविष्य को ध्यान में रखकर जोखिम उठाने से नहीं घबराता है. वहीं व्यक्ति सफल व्यापारी कहलाता है. चाणक्य नीति कहती है कि व्यापारी को कभी भी आज के काम को कल पर नहीं टालना चाहिए. कुशल और सफल व्यापारी हमेशा आलस से दूर रहता है.
चाणक्य ये भी कहते हैं कि खुद की गलतियों से सीखने के बजाए हमें दूसरों की गलतियों को ध्यान से देखना चाहिए और उससे अपने जीवन में सुधार करना चाहिए. साथ ही चाणक्य कहते हैं कि आपकी ज्यादा ईमानदारी भी आपके लिए मुसीबत बन सकती है, इसलिए ईमानदारी उतनी ही हो जिससे किसी का नुकसान न हो.
News Posted by: Radheshyam Kushwaha