महान पंडित आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में अपने जीवन के अनुभवों को साझा किया है. उन्होंने जीवन को सही तरीके से जीने के बारें में बताया है. जीवन में सफलता के लिए कुशल अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र यानी चाणक्य नीति में अनेकों नीतियों का बखान किया है. अगर उनकी बातों पर ध्यान दिया जाएं तो व्यक्ति जीवन में कभी मात नहीं खा सकता है. चाणक्य ने कहा है कि मनुष्य को परिस्थितियां अंदर ही अंदर खोखला कर देती है,
नखीनां च नदीनां च श्रृंगीणां शस्त्रपाणिणां।
विश्वासो नैव कर्तव्यः स्त्रीषु राजकुलेषु च।।
इस श्लोक में चाणक्य कहते है कि ऐसे जानवर जिनके नाखून लंबे होते हैं औऱ ऐसे जानवर बहुत खूंखार होते हैं. इसलिए ऐसे भालू, बाघ जानवरों पर भरोसा कभी नहीं करना चाहिए. क्योंकि खूंखार जानवरों के बारे में कुछ कहा जा नहीं सकता है. इसलिए ये कब आप पर हमला कर दें इसके बारे में आप अनुमान नहीं लगा सकते. इसके अलावा सींग वाले पशुओं जैसे अक्रामक पशुओं पर भी बिल्कुल भरोसा नहीं करना चाहिए.
हमें इन लोगों का सामना होने पर अपने दिमाग का इस्तेमाल करना चाहिए, इसके अलावा श्लोक में यह भी बताया गया है कि नदी पार करते समय भी सावधानी रखनी चाहिए. किसी की बात न सुनकर खुद पता करना चाहिए कि नदी कितनी गहरी है और उसी हिसाब से उसे पार करने के बारे में सोचना चाहिए. वहीं अगर आपके सामने कोई हथियार वाला व्यक्ति भी आ जाए तो उस पर भी कदाचित भरोसा नहीं करना चाहिए. वहीं, किसी महिला के मन में क्या चल रहा है उसको लेकर भी सावधानी बरतनी चाहिए.
– चाणक्य ने कहा है कि खराब भोजन से व्यक्ति को नुकसान ही पहुंचता है. इसलिए जब भोजन खराब हो तो उसे छोड़ ही देना चाहिए, वरना सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है.
– बहुत ज्यादा गुस्सा करने वाली पत्नी को भी आचार्य चाणक्य ने परिवार के लिए खतरनाक बताया है. चाणक्य ने कहा है कि ऐसी महिलाएं किसी के कंट्रोल में नहीं आतीं और जो मन में आये बोल देती हैं. पति उन पर नियंत्रण नहीं रख पाता और अंदर ही अंदर जलता रहता है, जिससे घर में लड़ाइयां होती हैं.
– संतान के बुद्धिहीन और मूर्ख होने पर परिवार तबाह होने की कगार पर पहुंच जाता है. इस तरह की संतान घरवालों के लिए पीड़ा का कारण बनते हैं. चाणक्य ने कहा है कि मूर्खों का त्याग कर देना ही बेहतर है. क्योंकि ऐसे लोग न सिर्फ आपके लिए बल्कि पूरे परिवार के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं.