Chanakya Niti : सफलता हासिल करने के लिए चाणक्य की ये सलाह हो सकती है आपके लिए फायदेमंद, जानें चाणक्य नीति में असंभव को संभव बनाने वाले आचार्य ने क्या दिया है सुझाव

Chanakya Niti , Chanakya Niti For Success :आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति आज के दौर में भी काफी लाभप्रद है.चाणक्य एक कुशल राजनीतिज्ञ थे और किस तरह सफलता हासिल की जाती है वो अनेकों ऐसे उदाहरण सामने हैं जो असंभव को उन्होंने संभव बनाया हो.आज के दौर में असफलता के कारण लोग परेशान व भयभीत रहते हैं..उस समय चाणक्य की ये सलाह काफी फायदे दे सकती है.आइये जानते हैं सफलता के लिए चाणक्य क्या देते हैं सुझाव-

By ThakurShaktilochan Sandilya | April 15, 2020 9:12 AM
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Chanakya Niti , Chanakya Niti For Success : आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति आज के दौर में भी काफी लाभप्रद है.चाणक्य एक कुशल राजनीतिज्ञ थे और किस तरह सफलता हासिल की जाती है वो अनेकों ऐसे उदाहरण सामने हैं जो असंभव को उन्होंने संभव बनाया हो.आज के दौर में असफलता के कारण लोग परेशान व भयभीत रहते हैं..उस समय चाणक्य की ये सलाह काफी फायदे दे सकती है.आइये जानते हैं सफलता के लिए चाणक्य क्या देते हैं सुझाव-

1) चाणक्य कहते हैं कि जो बिना सोचे समझे किसी भी कार्य को शुरु कर देते हैं उन्हें ही बाद में निराशा हाथ लगती है इसलिए किसी काम को शुरु करने से पहले खुद में चिंतन करें.खुद से यह जरुर पूछें कि मैं आखिर इस कार्य को क्यों कर रहा हूं. इस कार्य के क्या परिणाम सामने आएंगे और मैं इस कार्य को करने में कितना सफल हो पाऊंगा.

2) चाणक्य कहते हैं कि हमें दूसरों की गलतियों से सीखना चाहिए. किसी भी काम को करने से पहले हमें अपने आस-पास के उदाहरणों से सीखने की जरुरत है.ताकि कार्य शुरु करने के दौरान प्रयोग हम अपने ऊपर न करें और असफलता से स्वयं को कमजोर बना बैठें.

3) आलसी मनुष्य एक ही धारा में बढ़ते रहते हैं.वो परिस्थिति अनुसार अपनी योजनाओं में परिवर्तन नही कर सकते.उन्हें वर्तमान हालात में ही जीने की आदत होती है.लेकिन जिन्हें आगे बढ़ना है और सफलता की सीढ़ी चढ़नी है वो हर दांव खेलता है और ठहरता नही बल्कि निरंतर प्रयासरत रहता है.

4) डर कभी किसी को कामयाब नही होने देता,किसी भी इंसान के जीवन मे भय उसके सफलता का सबसे बड़ा बाधक है.उसे हमेसा भयमुक्त होकर अपने कार्यों में आगे बढ़ना चाहिए

5) किसी भी काम को करने के दौरान यदि वो नीरस भी लगने लगे तो उबना नही चाहिए.चाणक्य कहते हैं कि प्रसन्न मन से किसी भी कार्य को करने से सफलता मिलने की संभावना ज्यादा रहती है.

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