Chanakya Niti: जानें माता-पिता क्यों बन जाते है अपने ही बच्चों के दुश्मन

Chanakya Niti Hindi: चाणक्य कुशल अर्थशास्त्री होने के साथ साथ एक योग्य शिक्षक भी थे. वे स्वयं अध्ययन कार्य किया करते थे. चाणक्‍य की नीतियों ने भारत के इतिहास को बदलने में अहम भूमिका निभाई है और उनकी बातें आज भी उतना ही मायने रखती हैं. उनकी नीतियां आज भी जीवन में सफलता दिला सकती हैं. आचार्य चाणक्य के अनुसार अंधकार को शिक्षा की रोशनी से ही दूर किया जा सकता है. जिसके पास शिक्षा रूपी रोशनी होगी वहीं अंधेरा से कोसों दूर रहता है.

By Radheshyam Kushwaha | June 14, 2020 12:59 PM
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Chanakya Niti Hindi: चाणक्य कुशल अर्थशास्त्री होने के साथ साथ एक योग्य शिक्षक भी थे. वे स्वयं अध्ययन कार्य किया करते थे. चाणक्‍य की नीतियों ने भारत के इतिहास को बदलने में अहम भूमिका निभाई है और उनकी बातें आज भी उतना ही मायने रखती हैं. उनकी नीतियां आज भी जीवन में सफलता दिला सकती हैं. आचार्य चाणक्य के अनुसार अंधकार को शिक्षा की रोशनी से ही दूर किया जा सकता है. जिसके पास शिक्षा रूपी रोशनी होगी वहीं अंधेरा से कोसों दूर रहता है.

चाणक्य ने अपनी चाणक्य नीति में कहा है कि हर व्यक्ति को ज्ञान ग्रहण करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए. हर व्यक्ति के जीवन में शिक्षा का काफी महत्व रहता है. शिक्षा से ही व्यक्ति का जीवन का धन्य हो जाता है. चाणक्य के अनुसार जिसके पास शिक्षा है, लक्ष्मी भी उसी के पास ठहरती है. जिन लोगों के पास शिक्षा नहीं होती है उनके पास लक्ष्मी भी अधिक समय तक नहीं टिकती हैं.

चाण्क्य ने कहा है कि वे माता-पिता अपने बच्चों के लिए शत्रु के समान हैं, जिन्होंने अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा नहीं दी. क्योंकि अनपढ़ बच्चे विद्वानों के समूह में उसी प्रकार अपमान होते है जैसे हंसों के झुंड में बगुले की स्थिति होती है. शिक्षा विहीन मनुष्य बिना पूंछ के जानवर के समान होता है, इसलिए माता-पिता का कर्तव्य बनता है कि वे अपने बच्चों को ऐसी शिक्षा दें जिससे उसका समाज में मान-सम्मान हो.

सफलता के लिए शिक्षा जरूरी

शिक्षा के बिना आपका जीवन अधूरा है. जीवन में सफलता पाने के लिए शिक्षित होना बहुत ही जरूरी है. शिक्षित व्यक्ति ही चीजों को बेहतर ढंग से समझ सकता है. शिक्षा से ही व्यक्ति की बुद्धि का विकास होता है. बुद्धि के विकास से सफलता के मार्ग खुलते हैं. शिक्षा से ही लोग सही और गलत का पहचान कर सकते है. शिक्षा के अभाव में व्यक्ति सही और गलत का आंकलन करने में असर्मथ होता है. जिस व्यक्ति के पास अच्छी शिक्षा होती है उसका हर जगह सम्मान होता हैं. शिक्षित व्यक्ति समाज में सम्मानित होते हैं.

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