Chanakya Niti On Friendship ,Chanakya Niti in Hindi :
आचार्य चाणक्य (Chanakya ) जिन्हें एक महान विद्वान व राजनीतिज्ञ माना जाता है और जिन्होंने एक समय असंभव कार्यों के जरिए अपनी ताकत का एहसास दिलाया हो और अपनी नीतियों के जरिए जानें जाते हैं. चाणक्य की सलाह केवल राजनीति के लिए ही नही बल्कि निजी जीवन के लिए भी उनकी कई सलाह चाणक्य नीति में है.चाणक्य नीति के एक श्लोक के जरिए चाणक्य मित्र व गोपनियता के लिए कुछ सलाह देते हैं.आइये जानते हैं क्या है चाणक्य की यह सलाह…
Also Read: Jaya Kishori : पति- पत्नी के बीच होने वाले कलह के लिए जया किशोरी ने दी सलाह ,देखें वीडियो
Cahanakya Niti Shloka :
न विश्वसेत्कुमित्रे च मित्रे चापि न विश्वसेत् ।
कदाचित्कुपितं मित्रं सर्वं गुह्यं प्रकाशयेत् ।।
भावार्थ :
चाणक्य इस श्लोक के माध्यम से कहते हैं कि हमें किसी भी ऐसे व्यक्ति पर जो हमारा कुमित्र हो,अर्थात हमारा अच्छा मित्र नहीं हो उसपर भरोसा नही करना चाहिए.हमें अपनी बातों को या कुछ ऐसे चीजों के बारे में उसके पास खुलासा नही करना चाहिए या चर्चा नहीं करना चाहिए जो हमारे लिए बेहद संवेदनशील हो या खास हो और हमारे जीवन पर असर डालता हो.
वहीं चाणक्य लोगों को यह भी सलाह देते हैं कि हमारा कोई बेहतरीन मित्र ही क्यों न हो हमें उसपर भी आंख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए.और ऐसी कोई भी बात उसके सामने नहीं करनी चाहिए जो केवल भरोसे के ही लोगों के बीच करने लायक हों.चाणक्य कहते हैं कि यदि कल किसी कारणवश आपका वो मित्र आपसे संबंध विच्छेद कर लेता है तो उन बातों का वो खुलासा दूसरों के सामने कर सकता है और आपकी परेशानियों का कारण बन सकता है.इसलिए इंसान को केवल खुद पर ही विश्वास होना चाहिए न कि अपने मित्र व बंधुओं के भी ऊपर ऐसा विश्वास करना उचित है जो कल किसी कारणवश हमारी कमजोरी बन जाए.