Chanakya Niti : दुश्मन को मात देना चाहते हैं तो हमेशा याद रखें ये 3 बातें, जानें क्या कहते है आचार्य चाणक्य…

Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य एक महान शिक्षक होने के साथ-साथ अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र और कूटनीति शास्त्र जैसे कई विषयों के विशेषज्ञ थे. आचार्य चाणक्य ने आर्थिक संकट, वैवाहिक जीवन, नौकरीपेशा, व्यापार, मित्रता और दुश्मनी पर बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था, जो मनुष्य को सबसे अधिक प्रभावित करते है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2021 10:30 AM
an image

Chanakya Niti : आचार्य चाणक्य एक महान शिक्षक होने के साथ-साथ अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र और कूटनीति शास्त्र जैसे कई विषयों के विशेषज्ञ थे. आचार्य चाणक्य ने आर्थिक संकट, वैवाहिक जीवन, नौकरीपेशा, व्यापार, मित्रता और दुश्मनी आदि पर बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था, जो मनुष्य को सबसे अधिक प्रभावित करते है.

आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति जीवन में सफलता को प्राप्त करता है, उसके तमाम ज्ञात और अज्ञात शत्रु होते हैं. कई बार ये लोग आपको असफल बनाने के लिए आपका नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं. लेकिन ऐसे लोगों से कभी डरना नहीं चाहिए. इन्हें प्रेरक मानना चाहिए और सजग रहते हुए अपना बचाव करना चाहिए और आगे बढ़ते रहना चाहिए.

शत्रु को कभी कमजोर न समझें

आचार्य चाणक्य के अनुसार, कई बार लोग अपनी सफलता के घमंड में इतना मस्त हो जाते हैं कि वो शत्रु या प्रतिद्वंदी को बहुत कमजोर समझने लगते हैं. ऐसी गलती कभी नहीं करना चाहिए. जो आपके साथ किसी मैदान में प्रतियोगिता के उद्देश्य से उतरा है, उसके पास भी निश्चित रूप से आपकी ही तरह कई तरह की जानकारी होती है. इसलिए कभी शत्रु को कमजोर न समझें. वर्ना नुकसान उठा सकते हैं. अपनी तैयारी लगातार करते रहें और प्रतिक्रिया कब देनी है इसकी रणनीति बनाकर रखें.

Also Read: Chanakya Niti: इन परिस्थितियों में छोड़ देना चाहिए अपनों का साथ, जानें क्या कहते हैं आचार्य चाणक्य…
क्रोध से बचें

आचार्य चाणक्य का मानना था कि क्रोध आपकी बुद्धि और विवेक को हर लेता है और आप ऐसी स्थिति में निश्चित रूप से कोई न कोई गलती कर बैठते हैं. इसलिए याद रखिए कि आपका शत्रु आपको किसी न किसी प्रकार से उकसाकर क्रोध दिलाने की कोशिश कर सकता है. लेकिन आपको हर हाल में क्रोध से बचकर रहना चाहिए.

हिम्मत न हारें

आचार्य चाणक्य के अनुसार, अगर आपका लक्ष्य बड़ा है, तो उसके लिए तैयारी भी बड़ी करनी होगी. ऐसे लक्ष्य को प्राप्त करने में हर हाल में समय भी ज्यादा लगेगा. आपको इसके लिए खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रखना होगा. सही रणनीति बनाकर धैर्य पूर्वक आगे बढ़ना होगा.

अपनी इसी नीति से आचार्य चाणक्य ने नंद वंश का नाश कर चंद्रगुप्त को सम्राट बनाया था. इसलिए कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए. हमेशा धैर्य के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहिए. सफलता एक दिन निश्चित तौर पर मिलेगी.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

Exit mobile version