Chanakya Niti Hindi: चाणक्य एक कुशल राजनीतिज्ञ और अर्थशास्त्री थे. उन्होंने चाणक्य नीति में कई ऐसी बातों का बखान किया है, जिससे मनुष्य अपने जीवन में सफलता हासिल कर सकता है. चाणक्य की नीतियों को अपनाकर व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों में भी गंभीर रूप से अपने पथ पर आगे बढ. सकता है और सफलता के मुकाम हासिल कर सकता है. चाणक्य ने समाज को प्रभावित करने वाली हर चीज का बहुत गहराई से अध्ययन किया था. चाणक्य इस बात को जानते थे कि मनुष्य की सफलता का राज उसकी मेहनत और नैतिकता में छिपा हुआ है.
इन सब बातों को चाणक्य ने अपने अनुभव और अध्ययन से जाना समझा. वहीं, चाणक्य की नीतियों ने भारत के इतिहास को बदलने में अहम भूमिका निभाई है और उनकी बातें आज भी उतना ही मायने रखती हैं. चाणक्य ने कहा है कि जीवन में सफलता के लिए सबसे जरूरी होता है कि जो लक्ष्य निर्धारित किया है उसे कैसे पूरा किया जाए, चाणक्य के अनुसार सफलता सिर्फ विचार कर लेने से नहीं मिलती है. इसके लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है. चाणक्य सफलता के लिए कुछ बातें बताई हैं , जिसे आप अपनाकर सफलता कि राह पर पहुंच सकते है…
सपने देखना बुरी बात नहीं है लेकिन इन सपनों को पूरा करने के लिए जो मेहनत करनी चाहिए, उसे भी करने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए. जो सिर्फ सपनों में ही खोए रहते हैं, उन्हें सफलता कभी नहीं मिलती है. ऐसे लोगों को समाज में भी सम्मान नहीं मिलता है. इसलिए सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें तभी सपने पूरे होंगे.
कुछ लोग हालात बदलने का प्रयास नहीं करते. जीवन जैसे चल रहा है, बस जीते चले जाते हैं. पर जो प्रगति करना चाहते हैं, ऊपर उठना चाहते हैं, वे अपना सब कुछ दांव पर लगाने से नहीं डरते. संभावना है कि वे हार जाएं, कुछ न कर पाएं लेकिन यह जो कुछ कर दिखाने का प्रयास है, यही उन्हें औरों से अलग बनाता है.
सपनों को पूरा करने के लिए परिश्रम करना ही होगा क्योंकि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता है. जो लोग ये समझते हैं कि सफलता आसानी से मिल जाएगी तो वे स्वयं को भ्रम में रखते हैं. जब श्रम करने वाले उनसे आगे निकलने लगते हैं तो ऐसे लोगों में दूसरों की सफलता को देखकर जलन होने लगती है और ऐसे लोग अपने कमियों को स्वीकारने की बजाए दूसरों में कमियों को खोजने लगते हैं और एक दिन वही बुराईयां मानसिक तनाव का कारण बन जाती हैं और व्यक्ति अपना ही नुकसान करने लगता है.
व्यक्ति जब आज के काम को कल करने के लिए टालने लगता है तो समझ लें कि व्यक्ति स्वयं को नुकसान पहुंचा रहा है. कल पर टालने की प्रवृत्ति सर्वाधिक खराब होती है. इससे व्यक्ति आलस रोग से ग्रस्त हो जाता है, काम करने के समय ऐसे लोग आराम करते हैं. तब सफलता भी ऐसे लोगों से दूर हो जाती है.
कोई काम शुरू करने से पहले, स्वयं से तीन सवाल जरूर कीजिये. मैं ये क्यों कर रहा हूं, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और क्या मैं सफल हो पाऊंगा. और जब गहराई से सोचने पर इन सवालों के संतोषजनक जवाब मिल जाएं, तभी उस काम को करने के लिए आगे बढ़ें.