Chanakya Niti: मां की कोख में ही तय हो जाती हैं ये 5 बातें, जानें जीवन और तरक्की से जुड़ी चाणक्य नीति
Chanakya Niti in Hindi : चाणक्य श्रेष्ठ विद्वान माने जाते हैं. इन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की है. चाणक्य को राजनीति और कूटनीति का माहिर माना जाता है. चाणक्य ने हर उस विषय का अध्ययन किया है जो मनुष्य को प्रभावित करता है. आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन के कई पहलुओं का वर्णन किया है.
Chanakya Niti in Hindi : चाणक्य श्रेष्ठ विद्वान माने जाते हैं. इन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की है. चाणक्य को राजनीति और कूटनीति का माहिर माना जाता है. चाणक्य ने हर उस विषय का अध्ययन किया है जो मनुष्य को प्रभावित करता है. आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन के कई पहलुओं का वर्णन किया है. महान राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री व शिक्षाविद चाणक्य ने अपनी नीतियों के बल पर ही चंद्रगुप्त मौर्य को मौर्य वंश का राजा बनाया था. चाणक्य की नीतियों को अपनाना मुश्किल काम लगता है. लेकिन जिसने भी अपना लिया उसे चंद्रगु्प्त की तरह सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है.
चाणक्य के अनुसार कुछ ऐसी बातें है जो मां के गर्भ में ही तय हो जाती है. इसी बातों पर ही इंसान का भविष्य निर्भर करता है. चाणक्य के अनुसार, आयु कितनी लंबी होगी, क्या काम करेगा, कितना धन व ज्ञान प्राप्त करेगा और उसकी मृत्यु कब शामिल है. चाणक्य कहते हैं कि ये कुछ बातें ऐसी हैं जब शिशु गर्भ में होता है, तभी तय हो जाती हैं.
भविष्य के लिए व्यक्ति को रहना चाहिए तैयार
चाणक्य के अनुसार व्यक्ति नसीब के सहारे चलते हैं, वह अक्सर बर्बाद हो जाते हैं. इसलिए व्यक्ति को भविष्य के लिए तैयार रहना चाहिए. नीति शास्त्र के अनुसार, जो व्यक्ति भविष्य के लिए तैयार रहते हैं, वह किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं.
दूसरों को नीचा नहीं दिखाना चाहिए
चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति दूसरों से जलते हैं और उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं. ऐसे लोग समाज में कभी मान-सम्मान नहीं पाते हैं. इसलिए व्यक्ति को कभी किसी को नीचा नहीं दिखाना चाहिए.
सुखी और खुशहाल जीवन के लिए आसक्ति छोड़ना होगा
चाणक्य कहते है कि जो लोग अपने परिवार के लिए आसक्ति रखते हैं. वह दुख और कष्टों से घिरे रहते हैं. ऐसे में सुखी और खुशहाल जीवन के लिए व्यक्ति को आसक्ति छोड़ना होगा.
Posted by: Radheshyam Kushwaha