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Chanakya Niti: ये पांच आदतें इंसान को कर देता है बर्बाद, जानें क्या कहते है आर्चाय चाणक्य…

Chanakya Niti: आर्चाय चाणक्य विद्वानों में से एक माने जाते है. वे एक कुशल और योग्य रणनीतिकार थे. उन्हें कौटिल्य और विष्णु गुप्त के नाम से भी जाना जात है. चाणक्य ने व्यक्ति विशेष और समाज के कल्याण के लिए उन्होंने नीति ग्रंथ चाणक्य नीति शास्त्र की रचना की थी. उनकी नीति को अपनाकर आज भी लोग काफी सुखी महशूस करते है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2021 1:52 PM

Chanakya Niti: आर्चाय चाणक्य विद्वानों में से एक माने जाते है. वे एक कुशल और योग्य रणनीतिकार थे. उन्हें कौटिल्य और विष्णु गुप्त के नाम से भी जाना जात है. चाणक्य ने व्यक्ति विशेष और समाज के कल्याण के लिए उन्होंने नीति ग्रंथ चाणक्य नीति शास्त्र की रचना की थी. उनकी नीति को अपनाकर आज भी लोग काफी सुखी महशूस करते है.

चाणक्य ने इंसान की कुछ बुरी आदतों के बारें अपनी चाणक्य नीति में जिक्र किया है. चाणक्य का मानना है कि इंसान की कुछ बुरी आदतें होती है जो उसे बर्बाद कर देती है. इसलिए इन आदतों को तुरंत ही त्याग कर देना चाहिए. आइए जानते है कि ये कौन सी आदतें होती है जो व्यक्ति को बर्बाद करने का कारण बनती है…

जो लोग करते हैं छल कपट

चाणक्य के अनुसार जो लोग छल-कपट या बुरे कार्यों से पैसा कमाते हैं उनके पास ज्यादा देर तक पैसा नहीं टिकता है. ऐसे लोग परेशानियों से घिर जाते हैं. ऐसे लोग कुछ दिन तक तो ठीक दिखते है. उसके बाद धीरे-धीरे उनकी परेशानी बढ़ने लगती है और आगे चलकर जल्द ही उनका पैसा बर्बाद हो जाता है.

जो लोग सुबह देर तक सोते हैं

चाणक्य ने ये भी कहा है कि जो लोग सुबह देर तक सोते है उनके ऊपर कभी भी मां लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है. सूर्योदय के बाद तक सोए रहने वाले व्यक्ति हमेशा दरिद्रता का सामना करता है. उसके जीवन में कभी खुशहाली नहीं आती है.

जो लोग करते हैं जरूरत से ज्यादा भोजन

चाणक्य के अनुसार जरूरत से ज्यादा भोजन करना भी अशुभ होता है. चाणक्य अपने नीति में कहा है कि अधिक भोजन करने वाले व्यक्ति दरिद्र हो जाते हैं. क्योंकि आवश्यकता से अधिक भोजन का उपभोग करना व्यक्ति को गरीबी की ओर ले जाता है, साथ ही ऐसे व्यक्ति कभी स्वस्थ भी नहीं रहते हैं.

जो लोग नहीं रखते हैं अपनी वाणी पर संयम

जो लोग अपनी वाणी पर संयम नहीं रखते हैं या कठोर वाणी बोलते हैं, उनके पास माता लक्ष्मी जी कभी नहीं रुकती हैं. क्योंकि किसी दूसरे व्यक्ति के मन को ठेस पहुंचाने वाले लोगों से लक्ष्मी जी रुठ जाती हैं. ऐसे लोग गरीब हो जाते हैं.

जो नहीं करते हैं रोजाना दातून

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति अपने दांतो की साफ-सफाई नहीं करता है, उसके पास कभी मां लक्ष्मी नहीं रुकती हैं. ऐसे लोगों से लक्ष्मी जी रुष्ट हो जाती हैं. जिसके कारण व्यक्ति दरिद्र हो जाता है.

जो लोग रहते हैं गंदे

आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो लोग अपने आस-पास स्वच्छता नहीं रखते हैं, और गंदे वस्त्र पहनते हैं. ऐसे लोगों के पास कभी लक्ष्मी नहीं ठहरती हैं. ऐसे लोगों को समाज में मान-सम्मान भी नहीं मिलता है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

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