Chanakya Niti: पति-पत्नी के रिश्ते को और मजबूत बनाती हैं ये तीन बातें, जानिए क्या कहते है आचार्य चाणक्य…

Chanakya Niti Hindi: चाणक्य श्रेष्ठ विद्वान माने जाते हैं. आचार्य चाणक्य ने हर उस रिश्ते का बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था, जो मनुष्य को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं. इन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की है. चाणक्य को राजनीति और कूटनीति का माहिर माना जाता है. इसके साथ ही चाणक्य को अर्थशास्त्री भी माना जाता है. चाणक्य ने हर उस विषय का अध्ययन किया है जो मनुष्य को प्रभावित करता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2020 11:03 AM

Chanakya Niti Hindi: चाणक्य श्रेष्ठ विद्वान माने जाते हैं. आचार्य चाणक्य ने हर उस रिश्ते का बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था, जो मनुष्य को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं. इन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्यों की प्राप्ति की है. चाणक्य को राजनीति और कूटनीति का माहिर माना जाता है. इसके साथ ही चाणक्य को अर्थशास्त्री भी माना जाता है. चाणक्य ने हर उस विषय का अध्ययन किया है जो मनुष्य को प्रभावित करता है. चाणक्य को उनके ज्ञान और न्यायप्रिय आचरण के कारण माना जाता है. चाणक्य मानते थे कि जिस व्यक्ति का दांपत्य जीवन सुखद है, वह सदैव सफलताओं को प्राप्त करता है. सुखद दांपत्य जीवन में ही मनुष्य के विकास की संभावनाएं छिपी होती हैं. आइए जानते है चाणक्य की कुछ प्रमुख बातें…

चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति अपने घर-परिवार और पत्नी से सुखी है, उसके लिए किसी भी क्षेत्र में सफलता पाना मुश्किल कार्य नहीं है. सफलता में सकारात्मक विचारों की अहम भूमिका होती है. इसलिए दांपत्य जीवन सुखी होने से मनुष्य का मन मस्तिष्क शांत और सकारात्मक विचारों से परिपूर्ण रहता है.

चाणक्य नीति के अनुसार जिस व्यक्ति का दांपत्य जीवन तनाव, दुख और कष्टों से भरा होता है, वह कितना ही प्रतिभाशाली और प्रभावशाली ही क्यों न हो उसके जीवन में एक निराशा और दुख हमेशा बना रहेगा. ऐसे व्यक्ति अपनी प्रतिभा और ज्ञान का भी पूर्ण लाभ नहीं उठा पाते हैं. इसलिए जीवन में यदि सफल होना हैं तो सबसे पहले दांपत्य जीवन को सुखमय बनाने का प्रयास करना चाहिए और चाणक्य की इन बातों को हमेशा ध्यान रखना चाहिए.

प्रेम में कभी कमी न आने दें खटास

चाणक्य के अनुसार प्रेम किसी भी रिश्ते की प्रथम शर्त होती है. प्रेम से समर्पण की भावना जागृत होती है. पति और पत्नी के रिश्ते में भी इन दोनों चीजों की बहुत अहमियत होती है. चाणक्य के अनुसार प्रेम में कभी दिखावा और धोखा भी नहीं होना चाहिए. पति और पत्नी का रिश्ता सबसे पवित्र रिश्तों में से एक माना गया है. इस रिश्ते में झूठ और दिखावे का कोई स्थान नहीं होता है, इसलिए इनसे बचना चाहिए. इस रिश्ते में जितनी अधिक ईमानदारी होगी, पति और पत्नी का रिश्ता उतना ही मजबूत और अटूट होगा.

पति-पत्नी के रिश्ते में एक गरिमा जरूर होनी चाहिए

चाणक्य के अनुसार सुखद वैवाहिक जीवन एक उपहार की तरह है. इसकी उपयोगिता को कभी नहीं आंकना चाहिए. क्योंकि वैवाहिक जीवन जितना खुशहाल होगा, जीवन में परेशानियां उतनी ही कम आएगी. पति और पत्नी के रिश्ते को विश्वास से मजबूत बनाया जाता है. विश्वास गरिमा से बनता है. जब एक दूसरे की भावनाओं का पूर्ण सम्मान करेंगे और सुख-दुख का ध्यान रखेंगे तो यह रिश्ता दिन व दिन मजबूत बनेगा. जिस प्रकार से हर व्यक्ति की अपनी एक गरिमा होती है, उसी प्रकार से हर रिश्ते की एक गरिमा होती है. जब ये प्रभावित होने लगती है तो दांपत्य जीवन में कटुता और तनाव की स्थिति बनने लगती है.

News posted by : Radheshyam kushwaha

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