Chanakya Niti: सफलता पाने के लिए सिर्फ मेहनत जरूरी नहीं, जानें क्या बताते है चाणक्य…

Chanakya Niti Hindi: आज के समय में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा जो सफलता पाने के लिए दिन रात मेहनत नहीं करता होगा. सफलता पाने के लिए हर व्यक्ति भागता रहता है. किसी को सफलता मिल जाती है तो कोई असफल होने के बाद निराश होकर बैठ जाता है. सफलता सभी व्यक्ति को अच्छी लगती है. सफलता पाने के लिए हर व्यक्ति मेहनत करता है, लेकिन सफल होने के लिए सिर्फ मेहनती होना ही एक मात्र रास्ता नहीं है.

By Radheshyam Kushwaha | June 12, 2020 12:04 PM
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Chanakya Niti Hindi: आज के समय में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं होगा जो सफलता पाने के लिए दिन रात मेहनत नहीं करता होगा. सफलता पाने के लिए हर व्यक्ति भागता रहता है. किसी को सफलता मिल जाती है तो कोई असफल होने के बाद निराश होकर बैठ जाता है. सफलता सभी व्यक्ति को अच्छी लगती है. सफलता पाने के लिए हर व्यक्ति मेहनत करता है, लेकिन सफल होने के लिए सिर्फ मेहनती होना ही एक मात्र रास्ता नहीं है.

काफी मेहनत करने के बाद भी लोग असफल हो जाते है. वहीं, चाणक्य की मानें तो सफलता तभी मिलती है जब व्यक्ति के भीतर कुछ जरूरी गुण होते हैं. इन गुणों में एक गुण ऐसा है, जो व्यक्ति को सफल बनाने में सबसे अहम होता है. इस गुण के बिना सफल होना मुश्किल है. ये गुण इच्छा शक्ति. यानि जब तक व्यक्ति में किसी भी कार्य को करने की प्रबल इच्छा शक्ति नहीं होगी तब तक सफलता उससे दूर ही रहेगी.

इच्छा शक्ति को बनाना होगा मजबूत

चाणक्य के अनुसार सफल होने के लिए व्यक्ति के पास सबसे पहले इच्छा शक्ति का होना बहुत ही जरुरी है. इच्छा शक्ति के बिना नौकरी हो या व्यवसाय किसी भी काम में सफलता नहीं मिला सकता है. अब सफलता कैसे मिले- इसके लिए चाणक्य कहते हैं कि जब भी कोई काम शुरू करें तो समय की परख जरूर कर लेनी चाहिए. क्योंकि समझदार इंसान किसी भी काम की शुरुआत करते समय और काल को परख कर ही करता है.

अन्यथा गलत समय पर शुरू किया गया काम केवल आपको निराशा ही देता है. चाणक्य यह भी कहते है कि किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए इच्छा शक्ति का होना बहुत भी बहुत जरूरी होता है. बिना इच्छा शक्ति से किसी भी कार्य को परिणाम तक नहीं पहुंचाया जा सकता है. इच्छा शक्ति को शिक्षा, ज्ञान और अनुभव से मजबूत बनाया जा सकता है.

जो व्यक्ति मन से हार गया वह कभी नहीं जीत सकता

चाणक्य कहते है कि जो व्यक्ति मन से हार गया वह अपने जीवन में कभी नहीं जीत सकता है. उन्होंने कहा है कि इच्छा शक्ति से ही आत्मविश्वास पैदा होता है. बिना आत्मविश्वास के सफलता किसी को नहीं मिलती है. जब व्यक्ति का आत्मविश्वास चरम पर होता है तो सफलता नजदीक होती है. आत्मविश्वास परिश्रम से आता है.

परिश्रम की भावना शिक्षा और ज्ञान से मिलती है. चाणक्य के अनुसार मैदान में हारा हुआ व्यक्ति फिर से जीत सकता है, लेकिन जो मन से हार गया वह कभी नहीं जीत सकता है. इसलिए मन से नकारात्मकता को निकाल देना चाहिए. किसी भी कार्य को करने के लिए पूरे मन से लगना चाहिए. मन से यदि कोई कार्य नहीं करेंगे तो सफलता नहीं मिलेगी.

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